बेंगलुरु। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मंगलवार को बेंगलुरु घोषणापत्र जारी किया। जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से की गयी है, यही नहीं सरकार बनने पर संगठन पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गयी है। कांग्रेस की इस घोषणा की भाजपा ने आलोचना की है।
असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को पीएफआई और कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों का घोषणा पत्र बताया है। सरमा ने कहा कि पीएफआई पर पहले से ही प्रतिबंध है। सिद्धारमैया सरकार ने पीएफआई के मामले वापस लिए इसलिए वे कह रहे हैं कि मुसलमानों को खुश करने के लिए वे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा देंगे। कांग्रेस कह रही है कि पीएफआई यह नहीं कह सकता कि हम बदला लेंगे। कांग्रेस का घोषणापत्र पीएफआई और कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों के घोषणापत्र जैसा दिखता है।
कांग्रेस घोषणापत्र के मुताबिक अगर कांग्रेस पार्टी को सत्ता में आने का मौका मिला तो वह बजरंग दल और पीएफआई जैसी संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा देगी। पार्टी जाति या धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।