बाराबंकी। यूपी के बाराबंकी में चौकी इंचार्ज की पिटाई का एक मामला सामने आया। बताया जा रहा है चौकी इंचार्ज की पिटाई करने वाले आरोपी पूर्व ब्लॉक प्रमुख और ग्राम प्रधान के मुख्तार अंसारी गिरोह से अच्छे संबंध है। पुलिस की जांच रिपोर्ट में हुआ यह खुलासा। इताना ही नहीं जांच के दौरान पाया गया है इन लोगों ने गांव में सरकारी जमीनों पर कब्जा जमा रखा है।
देवा कोतवाल की रिपोर्ट में ये खुलासा किया गया है कि इनकी दबंगई के कारण स्थानीय प्रशासन तक बेबस है। देवा कोतवाली के सिपहिया गांव निवासी जलील अहमद ग्राम प्रधान है। जबकि जलील के भाई जमील अहमद की पत्नी अमीना खातून ब्लॉक प्रमुख रह चुकी हैं। रविवार को जलील का पुत्र फैसल देवा कोतवाली की माती चौकी इंचार्ज शशिकांत सिंह की गाड़ी के सामने अचानक आ गया था। मामूली बहस के बाद प्रधान व उनके गुर्गों ने मिलकर चौकी इंचार्ज की जमकर पिटाई की थी।
इस वारदात के बाद जब देवा पुलिस ने इनका आपराधिक रिकाॅर्ड खंगाला तो पता चला कि पूर्व ब्लॉक प्रमुख के पति पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई हो चुकी है। छानबीन में पुलिस को चौंकाने वाले सबूत मिले। देवा एसएचओ पंकज कुमार सिंह ने सोमवार को एसपी को एक रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सिपहिया गांव के ग्रामीणों ने शिकायतीपत्र दिया था। इसमें गांव की जमीन व पंचायतभवन पर जलील अहमद, जमील अहमद और जमील अहमद की पत्नी पूर्व ब्लाक प्रमुख अमीना खातून ने अपनी दबंगई के बल पर कब्जा कर लिया है और बिल्डिंगें तक बनवा डालीं।
रिपोर्ट में लिखा है कि ग्रामीणों ने इसकी कई बार शिकायत की मगर इनकी दबंगई के आगे स्थानीय प्रशासन बेबस रहा। क्योंकि इन सबका वास्ता डॉन मुख्तार अंसारी के गिरोह से है। इतना ही नहीं नेटवर्क का संचालन लखनऊ से हो रहा है। रिपोर्ट में ग्रामीणों द्वारा दी गई शिकायत भी अटैच है। एसएचओ ने मांग की है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी के स्तर से एक संयुक्त टीम गठित की जाए।
ग्राम प्रधान व पूर्व ब्लॉक प्रमुख के तार मुख्तार अंसारी के गिरोह से जुड़े होने की बात सामने आने के बाद अधिकारी सतर्क हो गए हैं। मामले की जानकारी आईजी व डीजीपी को भेजी गई है। एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि पूरे मामले से जिलाधिकारी को अवगत करा कर आवश्यक कार्रवाई कराई जा रही है।