लखनऊ । उत्तर प्रदेश में करीब तीन दशक से सत्ता का वनवास झेल रही देश के सबसे बड़े राजनैतिक दलों में से एक कांग्रेस को नया कलेवर भी रास नहीं आ रहा है। उत्तर प्रदेश में अब कांग्रेस की बागडोर पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के हाथ में हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा के उत्तर प्रदेश में बिना किसी दल के गठबंधन के 403 सीट पर चुनाव लड़ने के अभियान को ही झटका लगने लगा है। यहां पर पार्टी ने जिनको प्रत्याशी घोषित किया है, वही लोग पार्टी को छोड़कर अन्य दल का दामन थाम रहे हैं। हालांकि प्रियंका गांधी के प्रदेश का प्रभारी बनने के बाद से ही पुराने कांग्रेस तथा विधायक पार्टी को छोड़ने लगे थे, लेकिन चुनाव के लिए पार्टी के तीन प्रत्याशियों के पार्टी को छोड़नेसे बड़ा फर्क पड़ने वाला है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पार्टी को नए कलेवर में लाने का प्रयास किया है। इसी क्रम में उन्होंने 403 सीट में से 40 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित भी की है। युवाओं पर अधिक भरोसा जताने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा को उनके ही झटका लगा है। चुनावी मझधार में कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रियंका गांधी के भरोसे को तोड़कर दूसरे दलों में शामिल हो रहे हैं।उत्तर प्रदेश में चुनाव की घोषणा से पहले ही कई विधायक व विधान परिषद सदस्यों ने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा तथा समाजवादी पार्टी का दामन थापा। चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद से तो इनकी संख्या बढऩे लगी। कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका तो तब लगा जब उनके घोषित प्रत्याशियों में से तीन ने दूसरे दल का दामन थाम लिया। प्रियंका गांधी के लिए अब तो उत्तर प्रदेश चुनावी राह और भी मुश्किल होती जा रही है।