हाथरस मामला में पीडि़ता के परिवार की सुरक्षा बढ़ी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड में फंडिंग की तह तक पहुंचने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के कई सदस्यों व संदिग्धों के बैंक खातों की पड़ताल भी शुरू हो गई है। पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएफआई के उत्तर प्रदेश में सक्रिय रहे कई सदस्यों और कुछ अन्य संगठनों से जुड़े लोगों की जानकारी जुटाई है। अब उनकी गतिविधियों के साथ ही बैंक खातों की छानबीन शुरू की है। बताया जा रहा है कि ईडी की शुरुआती जांच में सामने आया है कि पीएफआइ से संबंधित बैंक खातों में मॉरिशस से 50 करोड़ रुपये आए थे, जबकि पूरी फंडिंग 100 करोड़ रुपये से अधिक रुपये की थी। ईडी ने पुलिस से जांच में संदिग्धों से जुड़ी अन्य जानकारियां भी जुटा रही है।

हाथरस कांड को लेकर उत्तर प्रदेश को जातीय संघर्ष की आग में झोंकने के लिए विदेश से फंडिंग की जांच में जुटे ईडी के अफसरों के सीधे निशाने पर पीएफआइ समेत कुछ अन्य संगठन के पदाधिकारी हैं। ईडी ने मथुरा में पकड़े गए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन के चार सदस्यों के विरुद्ध दर्ज एफआइआर का ब्योरा भी जुटाया है। इसके साथ ही माहौल बिगाड़ने की साजिश के केंद्र में रही वेबसाइट के बारे में तकनीकी ब्योरा जुटाने के लिए संबंधित कंपनियों से संपर्क साधा गया है। ईडी दिल्ली मुख्यालय की टीम पहले से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के पीछे फंडिंग को लेकर पीएफआइ की भूमिका की जांच कर रही है। ईडी एक वेबसाइट के जरिए माहौल बिगाड़ने की साजिश व इसके लिए विदेश से फंडिंग के मामले में जल्द मनी लांड्रिंग के तहत केस भी दर्ज करेगी।

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