प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को श्रम और कृषि क्षेत्र में सरकार द्वारा हाल में किए गए सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि इससे भारत में कारोबार करना आसान होगा और इससे किसानों को अपनी मंडी तय करने का अधिकार मिलेगा। सालाना ‘इंवेस्ट इंडिया कॉन्फ्रेंस’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीवंत लोकतंत्र, राजनीतिक स्थिरता और कारोबार के लिहाज से अनुकूल नीतियों के साथ भारत विदेशी निवेशकों के लिए इंवेस्टमेंट के लिहाज से काफी उपयुक्त देश के रूप में उभरा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लक्ष्य के साथ शिक्षा, कृषि और लेबर सेक्टर में विभिन्न सुधारों को लागू किया है।
मोदी ने कहा, ”अगर आप शिक्षा के क्षेत्र में साझीदारी करना चाह रहे हैं तो भारत उपयुक्त स्थान है। अगर आप मैन्युफैक्चरिंग या सर्विसेज सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं तो भारत उचित स्थान है। अगर आप कृषि क्षेत्र में सहयोग करना चाहते हैं तो भारत सही स्थान स्थान है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत मजबूत स्थिति में है और आने वाले समय में और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि आज के दौर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से जुड़ी व्यवस्था को काफी उदार बनाया गया है। हमने सॉवरेन वेल्थ एंड पेंशन फंड्स के लिए अनुकूल टैक्स प्रणाली को लागू किया है। हमने मजबूत बॉन्ड मार्केट के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”भारत विश्व के लिए फार्मेसी की भूमिका निभा रहा है। हमने अभी तक लगभग 150 देशों को दवाइयां उपलब्ध कराई हैं। इस वर्ष मार्च से जून के दौरान हमारा कृषि निर्यात 23 फीसद बढ़ा है। यह तब हुआ है जब देश में सख्त लॉकडाउन था।”
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान आपने विभिन्न तरह की समस्याओं के बारे में सुना होगा। मैन्युफैक्चरिंग की समस्या, सप्लाई चेन की समस्या, पीपीई की समस्या आदि। हालांकि, भारत में यह समस्याएं नहीं रह गईं। हमने धैर्य दिखाया और समस्या के समाधान के केंद्र बनकर उभरे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने श्रम और कृषि के क्षेत्र में बदलावों को सुनिश्चित किया है। इससे निजी सेक्टर की अधिक भागीदारी सुनिश्चित हुई है। ये बदलाव उद्यमियों के साथ-साथ मेहनतकश लोगों के लिए फायदे की बात होगी।