नई दिल्ली। हंगामे और शोर-शराबे के बीच चल रहे संसद के मॉनसून सत्र का आखिरी हफ्ता शुरू हो गया है। इस दौरान मोदी सरकार अहम बिल पास करवाने की कोशिश कर रही है और इनमें सबसे ऊपर ओबीसी आरक्षण से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक है। केंद्र सरकार ने इस विधेयक को सोमवार को लोकसभा में पेश किया है। वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी ऐलान किया है कि वह इस बिल के समर्थन में है। अगर बिल पास हो जाता है तो एक बार फिर से राज्यों को ओबीसी सूची में किसी जाति को अधिसूचित करने का अधिकार मिल जाएगा।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया। इस दौरान लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सभी विपक्षी दलों ने बैठक की और निर्णय लिया कि उक्त विधेयक पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण से संबंधित इस विधेयक को पारित कराना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हम विपक्ष की जिम्मेदारी समझते हैं। सभी विपक्षी दलों ने फैसला किया कि इस पर चर्चा कराके पारित कराया जाना चाहिए। इस विधेयक के साथ देश के पिछड़े वर्ग का संबंध है।
वहीं दूसरी ओर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने सोमवार को बताया कि सभी विपक्षी पार्टियां 127वें संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन करने को तैयार है। उन्होंने संसद भवन में आज हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद यह जानकारी दी। खडग़े ने बताया कि इस बैठक में विपक्षी पार्टियों ने सरकार के साथ सहयोग करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यह संशोधन राज्यों के उस अधिकार को बहाल करने के लिए किया जा रहा है जिससे वे सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को अधिसूचित कर सकें। उन्होंने कहा कि इस देश में आधी से ज्यादा आबादी पिछड़े समुदाय से है। बिल पेश किया जाएगा, इस पर चर्चा होगी और उसी दिन यह पास कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 5 मई को दिए अपने फैसले में कहा था कि ओबीसी सूची तैयार करने का अधिकार सिर्फ केंद्र के पास है।
संशोधन विधेयक पास होने से क्या होगा असर?
संसद में संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26) सी के संशोधन पर अगर मुहर लग जाती है तो इसके बाद राज्यों के पास ओबीसी सूची में अपनी मर्जी से जातियों को अधिसूचित करने का अधिकार होगा। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय, हरियाणा में जाट समुदाय, गुजरात में पटेल समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल होने का मौका मिल सकता है। लंबे समय से ये जातियां आरक्षण की मांग कर रही हैं। इनमें से मराठा समुदाय को महाराष्ट्र देवेंद्र फडणवीस सरकार ने आरक्षण दिया भी था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को दिए फैसले में इसे खारिज कर दिया था।
भाजपा ने सांसदों को जारी किया व्हिप
भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा में अपनी पार्टी के सांसदों के लिए सोमवार को तीन लाइन का एक व्हिप जारी किया है। व्हिप में पार्टी के सांसदों से 10 और 11 अगस्त को सदन में मौजूद रहने को कहा गया है। दरअसल भाजपा की ओर से यह व्हिप ओबीसी आरक्षण बिल को लेकर जारी किया गया है। सरकार ने सोमवार को इस बिल को लोकसभा में पेश कर दिया। लोकसभा से हरी झंडी मिलते ही इसे राज्यसभा में पेश किया जा सकता है। इस बिल को विपक्ष का भी समर्थन मिल चुका है।