सतीश चंद्र मिश्रा ने भाजपा पर बोला हमला, कहा- राम मंदिर के नाम पर किया छलावा, ब्राह्मणों के साथ…

बांदा। उत्तर प्रदेश में अगली साल होने वाले विधानासभा चुनाव को लेकर सूबे की सियासी सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता व राज्यसभा सदस्य ने भरतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर निशाना साधा। अपने संबोधन के साथ दौरान उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज बहकावे में आ गया है। लेकिन इस बार बहकावे में नहीं आएगा। रामलला के नाम पर वोट के साथ नोट भी लिया गया। यूपी के प्रत्येक जिले का हाल बेहाल है। राम मंदिर के नाम पर अयोध्या में कुछ नहीं हुआ। भाजपा मंदिर के नाम पर 1993 से पैसा इकट्ठा कर रही है, लेकिन वो पैसा गया कहां?

बता दें कि बसपा नेता बांदा में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने ब्राह्मण वर्ग से 2022 में बसपा का समर्थन करने की अपील की. बसपा नेता सतीश मिश्रा ने प्रबुद्ध सम्मेलन के चौथे चरण की शुरुआत चित्रकूट से की थी जिसके बाद वे बांदा पहुंचे. उन्होंने ब्राह्मणों को साधने के लिए बीजेपी और सपा पर जमकर हमला बोला.

“उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही सरकार”
मिश्रा ने कहा कि बसपा की सरकार के समय पूरे वृन्दावन को अपनी सरकार में विकसित किया. सीवर लाइन से लेकर अस्पताल, बस अड्डा बनवाने से लेकर समग्र विकास किया. हमारी सरकार ने तब गोवर्धन मेले का आयोजन कराया जिसके बाद वहां कोई विकास नही हुआ. यही हाल काशी विश्वनाथ का है वहां भी बीजेपी ने कुछ विकास नहीं कराया. मंदिर परिसर में तोड़-फोड़ कर शिवलिंग खण्डित कर दिए. सरकार ने दो करोड़ नौकरियां देने की जगह नौकरियां खत्म करने का काम किया है. बीजेपी सरकार सिर्फ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है.

“राम मंदिर के नाम पर छलावा”
सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपने लोगो को चंदा लेने भेज दिया. अयोध्या में कोई पूजन नही हुआ, न नींव न भूमि केवल छलावा किया. उन्होंने कहा कि यह सरकार ब्राह्मणो का सबसे अधिक अहित करने में लगी है. विकास दुबे को फर्जी एनकाउंटर में मार दिया. न कोई मुकदमा न कोई पेशी सीधे गोली मार दी. 16 साल की नाबालिग लड़की खुशी दुबे को भी उठा ले गए, जेल में रखने के बाद रिमांड में भेज दिया, बेल नहीं होने दी, फर्जी सर्टिफिकेट लगा कर बेल खारिज करा दी.

“बसपा के समय हुआ ब्राह्मणों का उत्थान”
मिश्रा ने आगे कहा कि 2007 के पहले ब्राह्मण समाज शून्य था, लेकिन 2007 में बसपा की सरकार में ब्राह्मणो का सबसे अधिक उत्थान हुआ. ब्राह्मण समाज को फिर से जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी क्योंकि सिर्फ 16 प्रतिशत से काम नहीं चलेगा इससे 1 सीट भी नहीं जीती जा सकती. आपसी मतभेद भुलाकर दलित समाज के साथ भाईचारा बनाइये और प्रदेश में एक बार फिर मायावती की सरकार बनाइये.

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