CJI रमना ने की जस्टिस यूयू ललित के नाम की सिफारिश, बन सकते हैं अगले मुख्य न्यायाधीश

 

नई दिल्ली : भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमना ने अगले सीजेआई के लिए जस्टिस उदय उमेश ललित के नाम की सिफारिश की है. सीजेआई रमना ने सिफारिशी पत्र कानून और न्याय मंत्री को सौंप दिया है. अगर जस्टिस यूयू ललित के नाम की सिफारिश मान ली जाती है तो वे देश के 49वें सीजेआई बन जाएंगे. बता दें कि जस्टिस एनवी रमना 26 अगस्त को सेवानिवृत्त होंगे. पारंपरिक रूप से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अपनी वरिष्ठता के आधार पर सीजेआई के रूप में कार्यभार संभालते हैं.  चीफ जस्टिस के तौर पर कोई कार्यकाल निर्धारित नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु संविधान के तहत 65 वर्ष निर्धारित की गई है. सुप्रीम कोर्ट में दशकों बाद ऐसा मौका आने वाला है, जब देश चार महीनों में तीन चीफ जस्टिस देखेगा. इसी साल जुलाई से नवंबर के दौरान सीजेआई एनवी रमना के अलावा जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ भी मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. इस दिलचस्प संयोग के पांच साल बाद 2027 में भी देश ऐसे ही संयोग का साक्षी होगा  साल 2027 में सितंबर से अक्टूबर के दरम्यान दो महीनों में तीन चीफ जस्टिस आएंगे और जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड, परंपरा और प्रैक्टिस के मुताबिक 2027 में 27 सितंबर को जस्टिस विक्रम नाथ मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होंगे और देश को पहली महिला मुख्य न्यायाधीश मिलेंगी. जस्टिस बीवी नागरत्ना 35 दिन के लिए देश की मुख्य न्यायाधीश होंगी. इसके बाद जस्टिस पीएस नरसिम्हा 31 अक्टूबर 2027 से छह महीने तीन दिन के लिए चीफ जस्टिस बनेंगे. बता दें कि 2027 तक इतने कम समय में तीन चीफ जस्टिस बनने का ये तीसरा मौका होगा. सुप्रीम कोर्ट 1950 में अस्तित्व में आया और उसके बाद सबसे पहले 1991 में नवंबर और दिसंबर के बीच देश में तीन अलग-अलग सीजेआई बने थे. तब सीजेआई रंगनाथ मिश्रा 24 नवंबर 1991 को रिटायर हुए थे. फिर जस्टिस कमल नारायण सिंह 25 नवंबर से 12 दिसंबर तक यानी कुल 18 दिन के लिए चीफ जस्टिस बने. बाद में जस्टिस एमएच कानिया चीफ जस्टिस बने और 13 दिसंबर 1991 से 17 नवंबर 1992 तक यानी 11 महीने तक इस सर्वोच्च पद पर जिम्मेदारी संभाली.

 

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