LUCKNOW- उप्र सातवें चरण की इन चार सीटों पर जमानत जब्त पार्टी है कांग्रेस

LUCKNOW- उप्र में सातवें व आखिरी चरण के चुनाव में 13 सीटों पर मतदान होगा। पिछले चुनाव में इस चरण की 9 सीटें भाजपा और 2-2 सीटें अपना दल सोनेलाल और बसपा ने जीती। कांग्रेस और सपा के खाते में एक भी सीट नहीं आई। बता दें, पिछले चुनाव में बसपा-सपा का गठबंधन था। 2024 के आम चुनाव में इंडी गठबंधन में कांग्रेस-सपा शामिल हैं। गठबंधन के सीट बंटवारे में सपा 63 और कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इस चरण की चार सीटें महाराजगंज, देवरिया, बांसगांव (सु0) और वाराणसी कांग्रेस के खाते में हैं। शेष 9 सीटों पर सपा प्रत्याशी मैदान में हैं। इस चरण की जो चार सीटें कांग्रेस के खाते में हैं, उस पर उसका पिछला प्रदर्शन बेहद कमजोर और लचर है। महाराजगंज सीट कांग्रेस ने अंतिम बार 2009 में जीती थी। ये जीत उसे 1984 के बाद नसीब हुई। इस सीट पर पिछले एक दशक से भाजपा का कब्जा है। 2014 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मौजूदा सांसद हर्षवर्धन चौथे स्थान पर लुढ़क गए। उन्हें 5.39 फीसदी वोट मिले। 2019 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुप्रिया श्रेनेत 5.91 फीसदी वोट शेयर के साथ तीसरे नंबर पर रही। पिछले दो चुनाव में कांग्रेस की इस सीट पर जमानत जब्त हुई। देवरिया लोकसभा सीट कांग्रेस ने 35 साल पहले 1984 के चुनाव में जीती थी। तब से उसे जीत का इंतजार है। 2009 में कांग्रेस के बालेश्वर यादव 12.79 फीसदी वोट के साथ चौथे स्थान पर रहे। ये चुनाव बसपा के गोरख प्रसाद जायसवाल ने जीता। 2014 और 2019 का चुनाव यहां भाजपा के कलराज मिश्र और रमापति राम त्रिपाठी ने जीता। 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी सभा कुंवर को 3.88 फीसदी वोट मिले। सभा कुंवर चौथे स्थान पर रहे। पिछले चुनाव में कांग्रेस के नियाज अहमद 5.03 फीसदी वोट प्राप्त कर तीसरे नंबर पर रहे। पिछले तीन चुनाव में कांग्रेस की इस सीट पर जमानत जब्त हुई। बांसगांव (सु0) सीट कांग्रेस ने आखिरी बार 2004 में जीती थी। ये जीत उसे 1989 में मिली जीत के बाद नसीब हुई। पिछले 15 सालों से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर अपना प्रत्याशी ही नहीं उतारा। 2009 के चुनाव में कांग्रेस के चार बार के सांसद महाबीर प्रसाद 11.77 फीसदी वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे। महाबीर प्रसाद अपनी जमानत बचा पाने में विफल रहे। 2014 के चुनाव में कांग्रेस का चौथा स्थान बरकरार रहा। कांग्रेस प्रत्याशी संजय कुमार 5.77 फीसदी वोट पाकर अपनी जमानत गंवा बैठे। पूर्वांचल ही नहीं देश की सबसे हॉट व वीवीआईपी सीट वाराणसी पर पिछले 15 वर्ष से भाजपा का कब्जा है। पिछले दो चुनाव देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा की टिकट पर जीते हैं। 1984 में मिली जीत के बाद कांग्रेस को आखिरी बार यहां 2004 में जीत नसीब हुई। पिछले तीन चुनाव में कांग्रेस यहां तीसरे और चौथे नंबर की पार्टी बन गई है। 2009 में भाजपा प्रत्याशी डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कांग्रेस के मौजूदा सांसद डॉ. राजेश कुमार मिश्रा को हराया था। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी 9.98 फीसदी वोट के साथ चौथे स्थान पर लुढ़क गए। राजेश मिश्रा की जमानत जब्त हुई। 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय की जमानत जब्त हुई। तीसरे स्थान पर रहे अजय को 7.34 फीसदी वोट मिले। ये चुनाव भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने 3 लाख 71 हजार 784 वोटों के अंतर से जीता था। आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल 20.30 फीसदी वोट शेयर के साथ दूसरे नंबर पर रहे। 2019 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार पीएम नरेन्द्र मोदी ने 4 लाख 79 हजार 505 वोटों के अंतर से बड़ी जीत हासिल की। सपा की शालिनी यादव दूसरे स्थान पर रही। कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 14.38 फीसदी वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे। अजय अपनी जमानत जब्त होने से बचाने में विफल रहे। इस चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन था। महाराजगंज सीट पर कांग्रेस ने अपने प्रदेश उपाध्यक्ष और पार्टी से फरेन्दा विधानसभा से विधायक वीरेंद्र चौधरी पर दांव लगाया है। देवरिया से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह मैदान में हैं। बांसगांव (सु0) सीट से सदल प्रसाद मैदान में हैं। सदल प्रसाद ने पिछला चुनाव बसपा की टिकट पर लड़ा था। हॉट सीट वाराणसी से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय मैदान में हैं।

 

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