प्रयागराज। संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के इतिहास में सोमवार को यहां नया अध्याय जुड़ गया। रविंद्र पुरी को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुन लिया गया। महंत नरेंद्र गिरि के ब्रह्मलीन होने के बाद जहां यह संस्था दो फाड़ हो चुकी है। वहीं अखाड़ों में अंदरूनी वैमनस्यता भी उभरी है। संगमनगरी में होने वाली बैठक में संख्या बल यह साफ कर दिया कि कौन धड़ा ताकतवर है? देश भर के संतों की नजर संगमनगरी में होने वाले फैसले पर टिकी रही। अखाड़ा परिषद की बैठक शुरू हो चुकी है। इसमें सिर्फ अध्यक्ष पद का चुनाव होगा। नरेंद्र गिरि श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव थे, परंपरा के अनुसार जिस अखाड़े के महात्मा पद में रहते हुए ब्रह्मलीन होते हैं, उसी अखाड़े का दूसरा महात्मा उसी पद पर आसीन होता है। ऐसी स्थिति में श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी के अध्यक्ष बनने की प्रबल संभावना है