नैनीताल। नैनीताल-ऊधमसिंहनगर लोकसभा क्षेत्र की 14 विधासभा सीटों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की वर्चुअल रैली शुरू हो गई है। पीएम मोदी ने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा कि नैनीताल की प्राचीन तपोभूमि और उत्तराखंड वासियों को मैं नमन करता हूं। मैं स्वमंत्रता सेनानी सरदार ऊधमसिंह के चरणों में नमन करता हूं। आजादी के अमृत महोत्सव के बीच देश स्वतंत्रा आंदोलन के शहीदों को नमन कर रहा है। यहां की माताओं और बहनों ने देश की आजादी के लिए अपनों का बलिदान दिया है। पीमए मोदी ने कहा कि यह उत्तराखंड का दशक है। चुनाव होने जा रहे हैं ऐसे में जब वोट देने जाएंगे तो याद रखें की नींव जितनी मजबूत होती है, इमारत उतनी बुलंद होती है। मुझे यकीन है कि देश काम करने वालों को चुनेगा, बदनाम करने वालों को नहीं। अभी मैं आपसे टेक्लाजी के माध्यम से जुड़ा हूं। दस फरवरी को श्रीनगर में भी आ रहा हूं। आपका आशीर्वाद लेने और देवभूमि काे प्रणाम करने के लिए।पीएम मोदी ने कहा कि इस चुनाव में और भी दल मैदान में है। कुछ दल ऐसे में जिन्होंने वर्षों तक यहां के लोगों से दुष्मनी निकली। कुछ दल ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना के दौरान उत्तराखंड के लोगों से दुष्मनी दिखाई। ऐसे लाेगों ने कोरोनाकाल के दौरान उत्तराखंड के लोेगों को दिल्ली से बाहर निकाल दिया। आपको उनके कारनामों का पता है। दिल्ली में ये दशकों तक सत्ता में रहे । लेकिन तब उनको उत्तराखंड के लोगों और चार धाम की याद नहीं आई, इतने वर्षों संयुक्त उत्तर प्रदेश में सरकार रही तब उत्तराखंड यूपी का ही हिस्सा था। तब भी इनको यमुनोत्री और गंगोत्री की याद नहीं आई। उत्तराखंड में गांव के गांव खाली हो गए तब उनको उत्तराखंड की याद नहीं आई।आज डबल इंजन की सरकार आलवेदर रोड बना रही है, चार धाम को विकसित कर रही है। तब इनको उत्तराखंड की याद आ रही है। आज ये लोग लोग चार धाम, चार काम की बात कर रहे हैं। लेकिन असल में इनके चार काम में एक एक परिवार के हित, भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण की राजनीति, चौथा काम वर्षों तक योजनाओं को लटकाकर रखना, जिससे उससे अपना जेब भर सकेंगे। इनके कामों का कच्चा चिट्टा लेकर आया है। उत्तराखंड की धरती से मेरा नाता रहा है।आज डबल इंजन की सरकार आलवेदर रोड बना रही है, चार धाम को विकसित कर रही है। तब इनको उत्तराखंड की याद आ रही है। आज ये लोग लोग चार धाम, चार काम की बात कर रहे हैं। लेकिन असल में इनके चार काम में एक एक परिवार के हित, भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण की राजनीति, चौथा काम वर्षों तक योजनाओं को लटकाकर रखना, जिससे उससे अपना जेब भर सकेंगे। इनके कामों का कच्चा चिट्टा लेकर आया है। उत्तराखंड की धरती से मेरा नाता रहा है।