पटना । झारखंड के डोरंडा कोषागार में हुए चारा घोटाला के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सीबीआइ की विशेष कोर्ट ने पांच साल की सजा दी है। इस मामले में अधिक उम्र और अस्वस्थता का हवाला देकर कम सजा देने की उनकी गुहार को कोर्ट ने नहीं माना। ऐसे में अब लालू सजा के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। साथ हीं जेल से बाहर आने के लिए जमानत की अपील भी दाखिल करेंगे। इस प्रक्रिया में करीब एक से डेढ़ महीने तक का समय लगेगा। जमानत की अपील पर सुनवाई अगले महीने शुरू हो सकेगी। हालांकि, जमानत तभी मिलेगी, जब लालू ने चारा घोटाले के विभिन्न मामलों में मिली सजाओं को जोड़कर इस मामले में भी आधी सजा जेल में काट ली होगी।लालू प्रसाद यादव झारखंड में चारा घोटाला के सभी पांच मामलों में सजायाफ्ता हो चुके हैं। उन्होंने अब तक साढ़े तीन साल जेल में गुजारे हैं और इसी आधार पर उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली है। चारा घोटाला के दुमका कोषागार मामले में उन्हें अधिकतम सात साल की सजा मिली है। इसमें जमानत की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी थी कि लालू प्रसाद यादव इस मामले में कितने दिनों तक जेल में रहे हैं? जब लालू के वकीलों ने उनके जेल में आधी सजा की अवधि (साढ़े तीन साल) तक रहने का दस्तावेज पेश किया, तब कोर्ट ने उन्हें जमानत दी। चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले में भी ऐसा ही होना तय माना जा रहा है। चारा घोटाला के मामलों में हाईकोर्ट ने अभी तक निचली अदालत से सजा की आधी अवधि जेल में रहने के बाद ही जमानत दी है।