सोलन। हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन की 13 साल की मुस्कान ग्रोवर दुनिया को अलविदा करने से पहले अपने नाम के अनुरूप छह लोगो की जिंदगी में खुशियां बिखेर गई। एक दुर्घटना में गंभीर घायल होने के बाद पीजीआई चंडीगढ़ पहुंची मुस्कान को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था, जिसके बाद उसके परिवार की ओर से दी गई अंगदान सहमति के बाद उसके हृदय, यकृत, गुदे, अग्न्याश्य और कॉर्निया के प्रत्यारोपण से छह रोगियों के जीवन में फिर से खुशियां भर गई। अंगदाता मुस्कान ग्रोवर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. सुरजीत सिंह ने कहा कि अपने ही बच्चे के दुखद निधन के बीच कुछ अजनबियों के जीवन को बचाने के लिए सोचना अप्रत्याशित और अकल्पनीय है। मुस्कान ग्रोवर के परिवार ने एक मिसाल पेश की है। गौर हो कि पिछले महीने 24 मार्च को एक्सीडेंट के बाद सोलन के राबोन गांव की मुस्कान को सोलन के सिविल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद परिजन गंभीर हालत में पीजीआई ले आए। मामले की जानकारी देते हुए पीजीआई के न्यूरोसर्जरी विभाग के डा. अपिंदरप्रीत सिंह ने कहा सभी ने न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. एसके गुप्ता की कड़ी निगरानी में मुस्कान को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती रही। जीवन और मृत्यु के बीच मुस्कान का संघर्ष आखिरकार थम गया और दो अप्रैल को यहां पीजीआईएमईआर में टीएचओए के प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। इस दुखद घड़ी में अनुकरणीय साहस और उदारता का प्रदर्शन करते हुए मुस्कान का परिवार अंगदान के लिए सहमत हो गया। शोक संतप्त मुस्कान के पिता राजीव ग्रोवर ने अपनी बेटी को प्यारी, दयालु और रचनात्मक बताते हुए अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि मुस्कान के जीवन का एक उद्देश्य था। उसकी नश्वर यात्रा समाप्त हो गई, क्योंकि दूसरों को अंगदान के माध्यम से उसकी वजह से जीना था। मुस्कान की बहादुर दिल मां स्मृति ग्रोवर ने कहाकि मुस्कान हमारे लिए भगवान का सबसे बड़ा उपहार थी। अंगदान के लिए हां कहना सबसे कठिन निर्णय था। लेकिन हमें लगा कि यह कुछ ऐसा है, जो हमें करना चाहिए और हमें वास्तव में लगा कि यह मुस्कान कह रही थी कि यह करो। प्रो. विपिन कौशल, चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि मुस्कान के माता-पिता के अंग दान के प्रस्ताव पर सहमति के साथ संबंधित विभागों ने परिवार के उदार निर्णय का सम्मान करने के लिए अंग मिलान प्राप्तकर्ताओं तक पहुंचना शुरू कर दिया। नोटो द्वारा एमजीएम हेल्थकेयर चेन्नई में भर्ती एक मिलान प्राप्तकर्ता के लिए दिल आबंटित किया गया। इसके बाद क्रॉस मैच से लीवर, किडनी और संयुक्त अग्न्याश्य के लिए तीन प्राप्तकर्ताओं की पहचान हुई और सभी अंगों के प्रत्यारोपण सोमवार को पूरे किए गए। कॉर्निया को पीजीआईएमईआर में दो कॉर्नियल नेत्रहीन रोगियों को प्रत्यारोपित किया गया। (एचडीएम) गत 24 मार्च को अपने घर के पास साइकिल चला रही मुस्कान अचानक ढांक से गिर गई और सिर पर गंभीर चोट के कारण कोमा में चली गई। सोलन के सिविल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद परिजन गंभीर हालत में मुस्कान को पीजीआई ले आए। तमाम कोशिशों के बावजूद डाक्टर कोई करिश्मा नहीं कर पाए और उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। इसके बाद उसके परिवार ने अतुलनीय साहस का परिचय देते हुए बेटी के अंगदान का फैसला लिया।