देश की सेवा से रिटायर हो कर आने वाले सैनिकों को स्वरोजगार के लिए राज्य सरकार 50 हजार रुपये का विशेष अनुदान देगी। साथ ही शहीद सैनिकों के मेधावी बच्चों की छात्रवृत्तियों को भी दस गुना तक बढ़ाया जाएगा। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भाजपा ने विस चुनाव से पहले शहीद सैनिकों व पूर्व सैनिक परिवारों के लिए जो बातें कही थीं, उन्हें पूरा करने को काम शुरू कर दिया गया है। सभी योजनाओं के प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। वर्तमान में शहीद सैनिकों के बच्चों के लिए कक्षा एक से आठ तक पांच हजार और नौ से 12 तक छह हजार रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाती है। इसे क्रमश: पांच व दस हजार रुपये किया जाएगा। स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर वर्तमान में चार हजार रुपये की छात्रवृत्ति को 40 हजार, शोध व एम-एमफिल आदि के लिए 10 हजार की छात्रवृत्ति को एक लाख रुपये सालाना किया जाएगा। कक्षा एक से 12तक 80% से ज्यादा अंक पाने वाले बच्चों 12 के बजाए 60 हजार रुपये, स्नातक स्तर पर 80% से अधिक अंक पर 15 हजार के स्थान पर 75 हजार और स्नातक के अंतिम वर्ष में 70% से अधिक अंक पर 18 के बजाए 90 हजार रुपये सालाना छात्रवृत्ति देने की योजना है। पूर्व सैनिकों के आश्रितों की छात्रवृत्ति में भी वृद्धि प्रस्तावित है। सेना से रिटायर होने के बाद सैनिकों के सामने सबसे बड़ी समस्या परिवार के पालनपोषण की होती है। सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास निदेशालय और उपनल के जरिए पूर्व सैनिकों को विभिन्न प्रशिक्षण और आउटसोर्स के जरिए रोजगार के अवसर दिए जाते हैं। सैनिक कल्याण मंत्री के अनुसार, अब राज्य सरकार की कोशिश होगी कि पूर्व सैनिकों के लिए स्वरोजगार के रास्ते खोले जाएं। रिटायरमेंट के बाद पूर्व सैनिक को एक जॉब किट के साथ 50 हजार रुपये का अनुदान देने की योजना है। इसका भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।भाजपा ने चुनाव के वक्त पूर्व सैनिकों से कुछ अहम वादे किए हैं जिन पर काम शुरू कर दिया गया है। सरकार हर कदम पर शहीद सैनिकों के परिवारों और पूर्व सैनिकों के साथ खड़ी है। उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से हल किया जाएगा। उनके मेधावी बच्चों की शिक्षा में मदद के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाई जाएंगी और सैनिकों के लिए स्वरोजगार के रास्ते भी खोले जाएंगे।