नई दिल्ली। कांग्रेसी विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त से संबंधित दो साल पुराने मामले में वॉयस सेम्पल लेने के संबंध में अधीनस्थ न्यायालय से जारी नोटिस भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह को तामील करा दिया। मामले में जुलाई के प्रथम सप्ताह में अगली तारीख है। उल्लेखनीय है कि मामले में ब्यूरो ने करीब एक साल पहले जयपुर महानगर के अधीनस्थ न्यायालय से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का वॉयस सैंपल लेने की अनुमति देने का आग्रह किया था।
ब्यूरो के अनुसंधान अधिकारी ने न्यायालय को बताया था कि आरोपी संजय जैन ने पूछताछ के समय एक ऑडियो में स्वयं के साथ केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह की बातचीत व आवाज होना स्वीकार किया था। इस तथ्य का हवाला देकर अनुसंधान अधिकारी ने गजेन्द्र सिंह की आवाज का नमूना लेने की आवश्यकता जाहिर की थी। महानगर मजिस्ट्रेट न्यायालय ने वॉयस सेम्पल लेने का आदेश देने से इनकार कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ रिवीजन प्रार्थना पत्र पेश होने पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने अनुसंधान अधिकारी के आग्रह पर केन्द्रीय मंत्री का पक्ष जानने के लिए नोटिस के जरिए जवाब मांगने का आदेश दिया। इस पर ब्यूरो के अनुसंधान अधिकारी ने अब केन्द्रीय मंत्री सिंह को नोटिस तामील कराया है।
साल 2020 में राजस्थान में पायलट गुट की बगावत पर सियासी घमासान मचा हुआ था। सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर उनकी सरकार गिराने का आरोप लगाया था। विधानसभा में तत्कालीन सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विधायकों की कथित खरीद—फरोख्त के मामले में 10 जून 2020 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को शिकायत दी थी। इस पर ब्यूरो ने 17 जुलाई 2020 को मामला दर्ज किया। पिछले दिनों सीएम गहलोत ने एसीबी की सुस्त कार्यप्रणाली की आलोचना की थी। गहलोत की नसीहत के बाद एसीबी एक्टिव मोड पर आ गई है। एसीबी ने नोटिस को तामिल करा लिया।
राजस्थान की सियासत में सीएम अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की पुरानी अदावत रही है। दोनों की जोधपुर जिले से आते हैं। लोकसभा चुनाव में सीएम केंद्रीय मंत्री शेखावत ने सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को करारी शिकस्त दी थी। ईआरसीपी को लेकर दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। सीएम गहलोत ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित नहीं करने पर शेखावत पर जमकर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि जोधपुर का होने के बावजूद भी ईआरसीपी को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित नहीं करा पाए। जवाव में शेखावत ने गहलोत सरकार पर परियोजना को अटकाने का आरोप लगाया।