सतना । चित्रकूट में 24 साल से बाबा बनकर रह रहे 50 हजार रुपये के इनामी डकैत को उप्र औरैया पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की भनक सतना की चित्रकूट पुलिस को भी नहीं थी। बताया जा रहा है कि 24 वर्षों से न्यायालय मफरूरवा जनपद से 50 हजार रुपये का इनाम कुख्यात लालाराम गैंग का मुख्य सदस्य छेदा सिंह उर्फ छिद्दा निवासी गांव भासौन थाना चित्रकूट में कब्जा बनाकर रह रहा था। औरेया एसपी अभिषेक वर्मा के अनुसार आरोपित ने पूछताछ में स्वीकारा है कि वह लालाराम गिरोह का सदस्य था और 1980 में हुए महिला दस्यु फूलनदेवी के अपहरणकाण्ड में शामिल था। वह यूपी के औरैया जिले का रहने वाला शातिर अपराधी है था और तबीयत खराब होने के बाद चित्रकूट से अपनी गांव भासौन पहुंचा था जहां उप्र पुलिस को उसकी भनक लग गई और अयाना थाना की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। फरार डकैत साधु का वेश धारण कर आश्रम और घाटों पर रहता था और सेवा करता था। गिरफ्तार डकैत मूल रूप से औरेया में अयाना थाना क्षेत्र के बीहड़ क्षेत्र के गांव भासौन का निवासी है। उस पर कई मुकदमे दर्ज हैं। 69 वर्ष की आयु में छेदा सिंह अपने गांव पहुंचा था। छेदा सिंह चंबल के बीहउ़तों में डकैत लालाराम गिरोह का सक्रिय सदस्य था और 1980 में कुख्यात डकैत फूलनदेवी के अपहरण कांड में मुख्य रूप से शामिल था। छेदा सिंह प 2015 में 50 हजार रुपये का इनमा घोषित किया गया था। उसके स्वजनों ने दस्तावेद में उसे मृत घोषित कर दिया था। लेकिन पुलिस उसे फरार मान रही थी। छेदा सिंह जब 20 वर्ष का था तो वह औरेया के भासौन गांव से भाग कर चंबल पहुंच गया था और बीहड़ों में लालाराम गिरोह में शामिल हो गया था। छेदा सिंह पर मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 24 से अधिक मामले दर्ज हैं जिसमें हत्या,, अपहरण, लूट, फिरौती के मामले प्रमुख हैं। छेदा सिंह चंबल के लालाराम गिरोह के साथ मिलकर अपहरण का काम देखता था जिसके द्वारा फूलनदेवी का अपहरण किया गया था। उप्र के औरैया जिले के आयाना थाना प्रभारी जितेंद्र यादव ने बताया कि पकड़ा गया आरोपित के पास से बृजमोहन दास पुत्र बालक दास निवासी चित्रकूट के नाम से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी तथा राशन कार्ड बरामद हुआ है। यह कई वर्षों से चित्रकूट के टाठी घाट में निवास करता था। चित्रकूट के आश्रमों में देशभर से बाबा बनकर आकर रहने वाले लोगों पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। स्थानीय पुलिस को इनकी जानकारी नहीं होना भी यही बात ळै। 24 साल से कोई डकैत सतना जिले में रह रहा था और पुलिस को इसकी भनक नहीं होना पुलिस कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रही है। इस मामले में सतना के चित्रकूट थाना प्रभारी सुधांशु तिवारी का कहना है कि स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है।