जम्मू । हर-हर महादेव के जयघोषों के बीच श्री अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था आज सुबह रवाना हो गया है। श्री अमरनाथ यात्रियों के पहले जत्थे को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यात्री निवास भवन जम्मू से झंडी दिखाकर रवाना किया। जानकारी के मुताबिक करीब तीन हजार से ज्यादा श्रद्धालु आज तड़के कश्मीर घाटी के लिए रवाना हो गए। यह यात्रा कोरोना संक्रमण की वजह से दो साल हो रही है।यात्रा पर आतंकी खतरे की आशंका के मद्देनजर अधिकारियों ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। सीआरपीएफ के बाइक स्च्ॉड कमांडो यात्रियों को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। यात्रा से पहले लश्कर ने धमकी दी है। इस संबंध में एडीजीपी जम्मू जोन मुकेश सिंह ने आजतक-इंडिया टुडे को बताया कि मामला दर्ज किया गया है और कुछ गिरफ्तारियां भी की गई हैं।
जानकारी के मुताबिक यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों पर रेडियो फ्रीच्ेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग लगाए गए हैं। चप्प-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन को इस साल रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
अमरनाथ यात्रा की शुरुआत इस बार 30 जून यानी कल से हो रही है। इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त यानी रक्षाबंधन तक रहेगी। श्रद्धालु कड़ी सुरक्षा के बीच यात्रा करेंगे।
बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा दो प्रमुख रास्तों से की जाती है। इसका पहला रास्ता पहलगाम से बनता है और दूसरा सोनमर्ग बालटाल से। श्रद्धालुओं को यह रास्ता पैदल ही पार करना पड़ता है। पहलगाम से अमरनाथ की दूरी लगभग 28 किलोमीटर है। ये रास्ता थोड़ा आसान और सुविधाजनक है। जबकि बालटाल से अमरनाथ की दूरी तकरीबन 14 किलोमीटर है, लेकिन यह रास्ता पहले रूट की तुलना में कठिन है।