लखनऊ ।योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्यमंत्री दिनेश खटीक के कैबिनेट मंत्री के कार्य बंटवारा ना करने की शिकायत के बाद अब मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली से लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की सोनिया गांधी के खिलाफ भाजपासे प्रत्याशी थे।दिनेश प्रताप सिंह, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात विभाग ने सीएम योगी आदित्यनाथ को तीन पेज का पत्र भेजा है। उन्होंने मंडी परिषद में भ्रष्टाचार के साथ ही अपने मंत्रालय में सभी विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की जानकारी दी है।इतना ही नहीं मंडी परिषद के अफसरों पर भी सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि अफसरों ने गोदाम के सीसीटीवी कैमरा खराब करने के साथ ही निर्माण कार्यों में भी काफी घपला किया है।मंत्री दिनेश प्रताप ने पत्र में अधिकारियों पर भष्ट्राचार का आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखा की आपकी व्यस्तता का फायदा उठाकर अफसर पैसा बनाने में लगे है। उन्होंने कहा कि मैंने मंडी समितियों के कामकाज के बारे में प्रतिक्रिया देने की नियमित कवायद के रूप में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंडी परिषद बोर्ड के अध्यक्ष हैं। उन्होंने ही दिनेश प्रताप सिंह को मंत्री के रूप में मासिक बोर्ड बैठक की अध्यक्षता करने के लिए अधिकृत किया है। मंत्री दिनेश प्रताप ने विभिन्न क्षेत्रों से मंडियों में हो रही वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के बारे में मिल रही शिकायतों के बाद 16 अगस्त को बोर्ड की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में ठेकेदारों और अधिकारियों को बुलाया और इस ही बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग का आदेश दिया।मंत्री ने बैठक के करीब 20 दिन बाद मंत्री ने पांच सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सरकारी मंडियों में हो रही वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं की जानकारी दी। मंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि ट्रक और ट्रैक्टरों में बिक्री के लिए लाए गए सामानों को तौलने और रिकार्ड करने के लिए मंडियों में लगाए गई तुलाचौकी अक्सर काम ही नहीं करती है। रिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से तुलाचौकी के पास एक वैकल्पिक रास्ता बनाया गया। अधिकांश वाहन मंडियों के अंदर जाने के लिए उसी रास्ते का प्रयोग करते हैं।