2002 की बात है… माफिया अतीक अहमद किसी परिचित के पोस्टमॉर्टम के दौरान प्रयागराज के स्वरूपरानी अस्पताल पहुंचा था। अंदर शवों का चीर-फाड़ करने वाले दो कर्मचारियों को मिलने के लिए बुलाया। उनसे परिचित के पोस्टमॉर्टम की जानकारी ली। बातचीत के दौरान अतीक ने 500 के दो नोट निकालकर दोनों कर्मियों की मुट्ठी में रख दिया और मजाकिया अंदाज में बोला- ‘सुनो मुन्ना! जब हम इहां आउब त हमार खोपड़ी जरा आराम से खोलिहौ। छैनी-हथौड़ी चलावै में थोड़ा रहम करिहौ।’
15 अप्रैल 2023 को पुलिस कस्टडी में अतीक अहमद की हत्या कर दी गई। उसकी कनपटी से सटाकर गोली मारी गई। जब शव पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचा, तो अतीक के 21 साल पुराने उस बयान की फिर चर्चा होने लगी है। अतीक अहमद की हत्या के बाद उसके कई ऐसे बयान हैं, जो दोबारा चर्चा में आ गए हैं। उसने कभी अपनी लाठी के जोर की बात कही, कभी अपने मर्डर के तरीके की। कभी मायावती पर सवाल उठाए तो कभी योगी आदित्यनाथ की तारीफ की…
1. सड़क के किनारे पड़े मिलब…
2004 की बात है। अतीक अहमद फूलपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहा था। इस दौरान टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में उसने कहा, ‘एनकाउंटर होगा। या पुलिस मारेगी, या कोई अपनी ही बिरादरी का सिरफिरा। सड़क के किनारे पड़े मिलब…’उसी दौरान एक अन्य इंटरव्यू में अतीक ने अपने अंजाम के बारे में कहा था, ‘सब को पता है अंजाम क्या होना है। कब तक टाला जा सकता है…’इस इंटरव्यू में अतीक को बताया गया था कि वो उस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां से भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू चुने गए थे। इस पर अतीक ने कहा था, ‘पंडित जी की तरह हम नैनी जेल में भी रहे हैं। वो किताब लिखे वहां, हमें अपनी हिस्ट्रीशीट की वजह से जाना पड़ा।’
2. अल्लाह ने हमारी लाठी में भी ताकत दी
मई 2016 में प्रतापगढ़ के रानीगंज में एक मुशायरा हुआ था। इसमें इमरान प्रतापगढ़ी भी मौजूद थे। उनको हाल ही में यश भारती सम्मान मिला था। अतीक अहमद भी पहुंचा। अतीक ने अपने भाषण में कहा, ‘मैं पांच-पांच मर्तबा विधायक रहा, सांसद रहा। अल्लाह ताला ने इज्जत दिया, शोहरत दिया, उसका लाख-लाख शुक्र है। लाठी में भी ताकत दिया। लेकिन अगर कहीं मुझको कमी का एहसास होता है तो इल्म की कमी का एहसास होता है। मैं बहुत-सी जगह एहसास-ए-कमतरी का शिकार हो जाता हूं।’
3. मुलायम की सरकार में मुसलमान सीना तानकर चलता है
2016 में प्रतापगढ़ के सम्मेलन में अतीक अहमद ने कहा, ‘एक साहब कह रहे थे कि मुलायम सिंह की सरकार में इतने दंगे हो चुके हैं। बताइए, मुसलमान कहां से वोट देगा। हम आपसे कहना चाहते हैं। हालांकि कुछ बात मंच से कहने की नहीं होती। जब मायावती या बीजेपी की सरकार रहती है तो मुसलमान घर पर दबकर रहते हैं। मुलायम की सरकार में सीना तानकर चलते हैं। यही लोगों को नागवार गुजरता है और दंगे होते हैं।’
4. दो करोड़ दो और टिकट लो
अतीक अहमद उस वक्त समाजवादी पार्टी में था। 2016 के एक सम्मेलन में बसपा सुप्रीमो मायावती के बारे में कहा था, ‘मायावती के कउन है। कोई नहीं है। वहां तो किसी भी गड्ढे से निकल के आओ। दो बाल्टी पानी डालो। 2 करोड़ रुपया जेब में रखो और टिकट लेकर चले आओ।’
5. इलाहाबाद नय, पूरे हिंदुस्तान में भी भागके ना बच पउबो
अतीक के जुल्म का शिकार प्रयागराज के बमरौली का एक प्रॉपर्टी डीलर जैद खालिद भी है। अतीक की मौत के बाद जैद अपनी आपबीती मीडिया को बताता है। 22 नवंबर 2018 की घटना है। सुबह 7 बजे उसका अपहरण करके देवरिया जेल ले जाया गया। वहां अतीक बैठा था। देखते ही बोला, ‘बड़का प्रॉपर्टी डीलर बन गए हो? तोका मना किए रहे, विष्णुपुरी वाली जमीन न खरीदेओ।’ इसके बाद अतीक के गुर्गों ने उसे उल्टा लटका दिया और घेरकर सैकड़ों लाठियां बरसाईं। इसके बाद अतीक आया और बोला- ‘दुबारा अइसन गलती कियो, तो जिंदा न बचबो। इलाहाबाद नय पूरे हिंदुस्तान में भी भागके न बच पउबो।’ जैद ने जनवरी 2019 में धूमनगंज थाने में अतीक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी सुनवाई चल रही है। तमाम शिकायतें मिलने के बाद अतीक अहमद को देवरिया जेल से बरेली जेल भेज दिया गया था।
6. जहां गलत हो रहा हो तो हाथ से रोक दो
2016 की बात है। अतीक अहमद और उसके गुर्गों पर नैनी की एक यूनिवर्सिटी में मारपीट के आरोप लगे। इस घटना पर सफाई देते हुए अतीक ने एक वीडियो जारी किया। अतीक ने कहा, ‘जहां गलत हो रहा हो तो हाथ से रोक दो। हाथ से रोकने लायक नहीं हो तो जबान से रोक दो। जबान से भी नहीं रोक सकते तो मन में बुरा कहो।’ इसके बाद अतीक ने एक शेर भी सुनाया- किसी मजलूम पे जुल्म होता देखकर खामोश रह जाना। मेरे करीब बगावत है फरमाने इलाही से…
7. योगी आदित्यनाथ बहुत बहादुर, ईमानदार और मेहनती
अक्टूबर 2022 में गुजरात की साबरमती जेल में कैद बाहुबली माफिया अतीक अहमद को पेशी के लिए लखनऊ कोर्ट लाया गया था, जहां उसके सुर बदले-बदले नजर आए। उसने पत्रकारों से कहा, ‘योगी आदित्यनाथ बहुत बहादुर मुख्यमंत्री हैं, ईमानदार हैं और बहुत मेहनत कर रहे हैं।’
8. हम बिल्कुल मिट्टी में मिल गए हैं
12 अप्रैल 2023 को अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा था। रास्ते में पत्रकारों से अतीक ने कहा, ‘सरकार कह रही है कि मुझे मिट्टी में मिला दिया जाएगा। हम आपके जरिए गवर्नमेंट से कहना चाहते हैं। हम बिल्कुल मिट्टी में मिल गए हैं। अब सिर्फ रगड़ा जा रहा है। अब हमारे औरतों और बच्चों को परेशान न करें। माफियागीरी खत्म हो गई।’