नयी दिल्ली। आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री की हत्या के एक मामले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद वाई. एस. अविनाश रेड्डी की गिरफ्तारी को लेकर याचिका पर सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को सहमति जतायी। अब इस मामले में अदालत शुक्रवार को सुनवाई करेगी। पूर्व मंत्री वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी की हत्या मामले में आरोपी अविनाश रेड्डी को 25 अप्रैल तक गिरफ्तारी से संरक्षण दिया गया है।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने सनसनीखेज हत्या के मामले में रेड्डी को अंतरिम अग्रिम जमानत देने के विरुद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा की दलीलों का संज्ञान लिया। पीठ ने कहा, ‘‘हम इसे कल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हैं।’’ शुरुआत में पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर 28 अप्रैल को सुनवाई करेगी। इस पर लूथरा ने कहा कि उच्च न्यायालय अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत याचिका पर एक विस्तृत आदेश पारित करने वाला है और यदि जमानत दी जाती है, तो मौजूदा याचिका निरर्थक हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही अनूठा मामला है, जहां आरोपी सांसद को ‘राजनीतिक संरक्षण’ का लाभ देने के लिए जांच को आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के हैदराबाद में स्थानांतरित कर दिया गया था। वकील ने कहा कि आरोपी आंध्र प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री से भी संबंधित हैं। दलीलें सुनने के बाद पीठ ने याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की सहमति जताई। अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत याचिका पर एक अंतरिम आदेश में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह अविनाश रेड्डी को 25 अप्रैल तक गिरफ्तार न करे। उच्च न्यायालय ने उन्हें 25 अप्रैल तक मामले में जांच के लिए हर रोज केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पेश होने का भी निर्देश दिया।
आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के भाइयों में से एक विवेकानंद रेड्डी की राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले 15 मार्च, 2019 की रात कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला में उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी। शुरुआत में इस मामले की जांच राज्य अपराध जांच विभाग के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गई थी, लेकिन जुलाई 2020 में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई ने 26 अक्टूबर, 2021 को हत्या के एक मामले में आरोप पत्र दायर किया और इसके बाद 31 जनवरी, 2022 को पूरक आरोप पत्र दायर किया।