प्रयागराज। माफिया डॉन अतीक अहमद की हत्या के बाद से माहौल लगातार गरमाया हुआ है। इस मामले में दो एसआईटी और न्यायिक आयोग की जांच शुरू हो गई है। पुलिस को जांच के क्रम में एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘शेर-ए-अतीक’ का पता चला है। इस ग्रुप को अतीक अहमद के बेटे असद अहमद ने बनाया था। ग्रुप से 200 लोगों के जुड़े होने की जानकारी सामने आई है।
सबसे बड़ा खुलासा तो यह हुआ है कि अतीक अहमद हत्याकांड में शामिल अरुण मौर्य भी कभी इस ग्रुप से जुड़ा हुआ था। बाद में उसने अपने रास्ते अलग कर लिए। अतीक अहमद की हत्या से किसी प्रकार इस ग्रुप का जुड़ाव तो नहीं था, इस बिंदु को भी देखा जा रहा है। हालांकि, पुलिस टीम को उमेश पाल मर्डर केस में यह अहम सुराग हाथ लगा था। असद के इस ग्रुप के अन्य सदस्यों को रेडार पर लिया जा सकता है। अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस इसके मूल मोटिव तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। इस ग्रुप का एडमिन रहा असद पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है।
उमेश पाल हत्याकांड से कहीं जुड़ाव तो नहीं?
व्हाट्सएप ग्रुप में असद अहमद ने करीब 200 लोगों को जोड़ रखा था। इसमें शूटर और शाइस्ता के मददगारों के नाम भी शामिल होने की बात सामने आई है। साथ ही, पता चला है कि नवंबर 2022 में इस ग्रुप को बंद कर दिया गया था। उमेश पाल हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस टीम को और असद के इस व्हाट्सएप ग्रुप का पता चला, जिसका वह एडमिन था। पुलिस को अंदेशा है कि ‘शेर-ए-अतीक’ ग्रुप से जुड़े सदस्यों का उमेश पाल मर्डर केस से कनेक्शन हो सकता है। जांच में यह सामने आया है कि व्हाट्सएप ग्रुप में असद अपने भाई अली और पिता अतीक अहमद के वीडियो रील्स और फोटो शेयर करता था।
असद के इस वॉट्सऐप ग्रुप में अधिकतर सदस्य प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर जैसे जिलों के थे। असद का मोबाइल हाथ लगने के बाद यूपी एसटीएफ के पास यह जानकारी सामने आई है। पुलिस जांच कर रही है कि उन्हें पाल हत्याकांड के ठीक पहले इस ग्रुप को बंद क्यों किया गया? कहीं इसके तार हत्याकांड से जुड़े तो नहीं है।
अतीक के हत्यारों से पूछताछ में भी ग्रुप का जिक्र
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीन शूटरों को कस्टडी में लेकर एसआईटी पूछताछ कर रही है। इसी बीच जानकारी आई है कि इन तीन शूटर्स में से एक कासगंज का रहने वाला अरुण मौर्य अतीक अहमद के बेटे असद के बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप ‘शेर-ए-अतीक’ से जुड़ा हुआ था। उमेश पाल हत्याकांड के प्रमुख शूटरों में से एक असद, एक अन्य शूटर गुलाम के साथ पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है। हालांकि, जांच कर रही एसआईटी के सामने एक बड़ा तथा आया है, वह ये कि अतिक को मारने वाले एक शूटर अरुण मौर्य असद के बनाए गए ग्रुप में कभी जुड़ा था।
वॉट्सऐप ग्रुप में ज्यादातर अतीक के कारनामों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता था। वीरगाथा के रूप में इसे समर्थकों के बीच रखा जाता था। अरुण मौर्य के बारे में कहा जा रहा है कि उसने इस ग्रुप को छोड़ दिया था। इसके बाद वह गैंग 99 ग्रुप से जुड़ गया। इसके बारे में दावा किया गया है कि असद के बनाए गए ग्रुप में एक समुदाय विशेष को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की जाती थी। असद के ग्रुप को छोड़ने के बाद अरुण मौर्य गैंग 99 से जुड़ा तो उसकी हरकतें तेज होने लगी।