लखनऊ। माफिया से राजनेता बने मुख्तार अंसारी को आज शनिवार को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में दस साल कारावास की सजा सुनाई। इसी के साथ उसके भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी इसी मामले में चार साल जेल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ कोर्ट ने मुख्तार पर पांच लाख रुपये का और उसके भाई अफजाल पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
बता दें माफिया मुख्तार के खिलाफ भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और नंदकिशोर गुप्ता रुंगटा की हत्या के मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया जबकि अफजाल अंसारी पर कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दर्ज केस के आधार पर गैंगस्टर एक्ट लगा था। दोनों भाइयों के खिलाफ मुहम्मदाबाद थाने में 2007 में मामला दर्ज हुआ था।
जब हुआ था योगी के काफिले पर हमला
बता साल 2005 की है जब मऊ में दंगा हुआ था, इस दंगे के पीछे मुख्तार अंसारी का हाथ माना जाता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उस दौरान गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर के तौर पर मुख्तार अंसारी के खिलाफ आवाज उठाई थी। इस दौरान मऊ में दंगे के बाद इलाके के दौरे पर उनके काफिले पर हमला किया गया था। पूर्व आईपीएस अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान वह पूरा वाकया बताया।
मुख्तार के खिलाफ कभी कार्रवाई करने वाले पूर्व पुलिस अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया, ”जब मऊ का दंगा हुआ था तब (मुख्तार अंसारी) खुली जीप में घूमता था। जहां पुलिस प्रशासन सब फेल हो रहा हो वहां ये (मुख्तार) खुली जीप में घूम रहा था। उस समय (मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से वहां दौरा करने के लिए आ रहे थे क्योंकि एकतरफा कार्रवाई हो रही थी तो इनके (योगी) काफिले पर बम फेंका गया जान से मारने के लिए। संयोग था कि उन्होंने गाड़ी बदल दी थी, नहीं तो बहुत बड़ा हादसा हो जाता. समझा जा सकता है कि मुख्तार का कितना मन बढ़ा हुआ था।”
जेल से ऑपरेट होता था गैंग
शैलेंद्र सिंह ने बताया, ”जेल में जब ये (मुख्तार) गए तो बड़े-बड़े वरिष्ठ अधिकारी इनके साथ जाकर बैडमिंटन खेलते थे. वहां दरबार लगता था। जेल से बाकायदा इनकी सरकार चलती थी. बाहर के ठेके-पट्टे, किडनैपिंग और तमाम उलटे-सीधे काम सब वहीं से चलते थे। केवल कहने के लिए था कि जेल में हैं. वहां से इनका पूरा गैंग ऑपरेट किया जाता था। जब उत्तर प्रदेश में योगी जी आ गए तो इनको लगा कि यहां खतरा है तो झूठे केस में ये पंजाब चले गए और वहां ऐश करने लगे। इनके बहुत से शूटर पंजाब के थे।”