लखनऊ। पेशाब में खून आना एक आपात स्थिति हो सकती है। ऐसे केसों में लापरवाही ठीक नहीं है। तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यह कहना है संजय गांधी पीजीआई के डॉ. नारायण प्रसाद का। वह किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के मेडिसिन विभाग में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन शनिवार को मेडिकल छात्रों को किडनी रोग से संबंधित जानकारी दे रहे थे।
प्रोफेसर वीरेंद्र आतम की अध्यक्षता में पीजी मेडिसिन अपडेट पर आयोजित हुई इस कार्यशाला में डॉ. एसके द्विवेदी ने छात्रों को आपातकाल में पेश होने वाले ईसीजी के वैल्यूएशन पैटर्न की व्याख्या करने और उन्हें जल्दी पहचानने और उनका इलाज करने के बारे में सिखाया। प्रोफेसर अमित गोयल ने वायरल हेपेटाइटिस बी और सी के हालिया अपडेट पर प्रकाश डाला और बताया कि रोगी को उपचार के लिए कब विचार करना चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने सरल विधि से लीवर की बीमारी का निदान करना बताया।डॉ. एके त्रिपाठी ने कहा कि मरीज में प्लेटलेट्स 50 हजार से कम होने पर सतर्क हो जाना चाहिए। उन्होंने प्लेटलेट्स कम होने से संबंधित विभिन्न जानकारी साझा की। डॉ. राजीव गर्ग ने कहा कि आईएलडी विशेष रूप से पोस्ट कोविड क्षेत्र में एक बढ़ती हुई इकाई है।
डॉ. अस्मीन अहमद ने उन गलतियों के बारे में बताया जो एक आईसीयू रोगी की रक्त रिपोर्ट की जांच करते समय एक व्यक्ति कर सकता है और उनसे कैसे बचा जा सकता है। डॉ. हरदीप मल्होत्रा, डॉ. अखिल शर्मा, डॉ. अभिषेक, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. आनंद, डॉ. सर्वेश कुमार ने न्यूरोलॉजिकल रोग के साथ हृदय रोग के रोगी के बारे में चर्चा की और जूनियर डॉक्टरों द्वारा सामना किए जाने वाले कठिन मामलों का प्रबंधन करने के बारे में अपनी राय दी। इस सम्मेलन में पूरे प्रदेश से मेडिकल काउंसिल के लगभग 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मौके पर डॉ. ज्योतिर्मय पाल बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे।