Lucknow-उत्तर प्रदेश के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए रायबरेली की जनता के नाम सोशल मीडिया पर पत्र लिखा है। उन्हाेंने लिखा कि वह चार-चार प्रधानमंत्री देने वाले परिवार से आते हैं और मैं नमक-रोटी खाकर पला हूं। मैंने खुद राजनीति सीखी और की, किंतु अगर वह सांसद हैं तो मैं वह प्रतिद्वंदी हूं जो उन्हें नाकों चने चबवाने वाला हूं।
मंत्री ने लिखा कि बहुत लोग मेरी आलोचना करते हुए लिख देते हैं कि “दिनेश सिंह की कोई औकात नहीं।” लेकिन सोचिए, कितने लोग होंगे जिन्हें प्रभु ने ऐसा सौभाग्य दिया हो? मैं रायबरेली के लिए नालायक ही सही। किंतु हमारे जैसा एक बार सोचकर देखो, कितना कठिन सफर तय किया है हमने। कोई हमसे बड़ा होगा, तो हमारे जितना छोटा नहीं होगा। कोई छोटा होगा, तो हमारे जितना बड़ा भी नहीं। मैं पहले ब्लाक प्रमुख बना। चार बार एमएलए, चार बार एमएलसी, तीन बार जिला पंचायत अध्यक्ष, दो बार लोकसभा। वह भी देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय विपक्ष और सबसे बड़े राजनीतिक परिवार से। चार-चार प्रधानमंत्री वाले परिवार के सदस्यों को हमसे लड़ने के लिए चार पार्टियों के झंडे लगाने पड़े। (समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, अपना दल (कृष्णा पटेल) और कांग्रेस। अब लोग कहते हैं मैं मास लीडर नहीं हूं, मैं कभी जनता का चुनाव नहीं जीता। मैं अपनी प्यारी रायबरेली के प्रिय आलोचकों से कहूंगा कि रायबरेली का इतिहास पढ़िए, ऐसा कोई नाम ढूंढिए जो रायबरेली लोकसभा की पांचों विधानसभा में लगभग समान रूप से जनमत प्राप्त कर पाया हो।
मुझे गर्व है अपने शुभचिंतकों और पार्टी परिवार पर जिनकी बदौलत 2019 हो या 2024 दोनों लोकसभा चुनावों का औसत निकालें तो मुझे औसतन लगभग 75,000 मत प्रति विधानसभा मिले। यह पंच से शुरू होकर पंचवटी तक की यात्रा है, जिसे मैंने रायबरेली के देवतुल्य भाइयों-बहनों के आशीर्वाद और स्नेह से की। जब मैं रायबरेली के सांसद का विरोध करता हूं तो रायबरेली के हमारे प्रिय आलोचक मुझे गालियां देने लगते हैं। मैं आपकी गालियां सुनते-सुनते थक गया हूं, इसलिए सोचा आपको बता दूं कि यही मेरा धर्म है।
रायबरेली की जनता का मेरे लिए यही आदेश है कि मैं राहुल गांधी को सोने न दूं, उनकी नींद हराम किए रहूं। जो साल में पांच बार रायबरेली आते हैं। वह तुम्हारे वोट की बदौलत नहीं। वोट लेकर तो सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी चली जाती थीं और पांच साल तक वापस नहीं आती थीं। किन्तु आपका नालायक दिनेश सिंह, सक्रियता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहने का परिणाम है कि राहुल गांधी को साल में पांच बार रायबरेली आना पड़ता है। यही लोकतंत्र है और लोकतंत्र का धर्म अन्यथा राहुल गांधी से कहो मोदी का गुणगान करें। मैं भी राहुल गांधी का गुणगान उसी दिन से शुरू कर दूंगा।
जब आप रायबरेली के बेटे से कहते हो दिनेश सिंह, राहुल गांधी की तुलना में बहुत छोटे हैं तो आप रायबरेली और अपने आपको बहुत छोटा कर देते हो। किन्तु मैंने पहले भी कहा है और आज भी कहता हूं कि मैं अपनी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व का एक छोटा-सा कार्यकर्ता हूं और राहुल गांधी अपनी पार्टी के मालिक या राष्ट्रीय नेता हैं। यह बात सही है कि मैं राहुल गांधी कभी नहीं हो सकता, किंतु राहुल गांधी भी इस जन्म में दिनेश सिंह नहीं हो सकते हैं।
उन्होंने अपना सफर जहाज़ से शुरू किया, हमने टूटी साइकिल से। फिर भी मुझे गर्व है अपनी रायबरेली की पावन माटी से मिले संस्कार, योग्यता और क्षमता पर। राहुल गांधी भगवान से मनाते होंगे कि दिनेश सिंह से सामना न हो और जब सामना हुआ है तो लड़खड़ाते ही देखे गए हैं, ठीक से समझोगे तो बात समझ में जरूर आएगी।