Election Commission Notice – चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है। आयोग की जांच में पाया गया कि प्रशांत किशोर का नाम दो राज्यों — बिहार और पश्चिम बंगाल — की मतदाता सूची में दर्ज है, जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है।
मिली जानकारी के अनुसार, प्रशांत किशोर का नाम बिहार के रोहतास जिले के करगहर विधानसभा क्षेत्र और पश्चिम बंगाल के कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र दोनों में पंजीकृत है। निर्वाचन आयोग ने इस पर गंभीर संज्ञान लेते हुए उन्हें तीन दिन के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।
कानून के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति एक समय में केवल एक ही विधानसभा क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत हो सकता है। दो जगह नाम दर्ज पाए जाने पर यह अपराध माना जाता है और इसके लिए सजा या जुर्माने का प्रावधान है।
वहीं, इस पूरे मामले पर प्रशांत किशोर की ओर से प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उनकी टीम का कहना है कि पश्चिम बंगाल में उनका नाम उस समय दर्ज हुआ था, जब वे वहां चुनावी अभियान से जुड़े हुए थे। बाद में उन्होंने बंगाल की मतदाता सूची से नाम हटाने का आवेदन दे दिया था, लेकिन तकनीकी कारणों से अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।
राजनीतिक हलकों में इस नोटिस को लेकर चर्चाएं तेज हैं, क्योंकि प्रशांत किशोर इन दिनों जन सुराज पार्टी के बैनर तले बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
चुनाव आयोग की कार्रवाई से जहां विपक्षी दलों को निशाना साधने का मौका मिला है, वहीं प्रशांत किशोर की टीम इसे प्रशासनिक गलती करार दे रही है।
अगर आयोग इस मामले में उल्लंघन साबित कर देता है, तो न केवल कानूनी कार्रवाई संभव है, बल्कि इसका असर प्रशांत किशोर की राजनीतिक छवि पर भी पड़ सकता है।



