लखनऊ। हमारे देश के आजाद होने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी द्वारा अपनी अंतरिम सरकार में बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर जी को कानून मंत्री बनाया गया। 29अगस्त 1947 देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू जी द्वारा डा. अम्बेडकर जी को संविधान ड्राफ्रटिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया, जिसके फलस्वरूप देश के संविधान की रचना हुई, यह दलित समाज के लिए गर्व की बात थी।
29अगस्त को हर साल की तरह प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग बाबा साहब को कांग्रेस द्वारा दिये गये इस सम्मान के लिए अनुशासन का पालन करते हुए स्वाभिमान यात्रा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से जीपीओ पर बाबा साहब की मूर्ति पर मार्ल्यापण करने जा रहे थे। अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष आलोक प्रसाद एवं कार्यकारी अध्यक्ष मध्य जोन तनुज पुनिया अपने कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को सड़क पर ही पुलिस द्वारा बल पूर्वक रोका गया।
स्वाभिमान यात्रा संवैधानिक अधिकारों के तहत अनुशासन का पालन करते हुए निकाली जा रही थी, अलोकतांत्रिक तरीके से रोका जाना लोकतंत्र के मूल्यों का हनन है, जो आज योगी जी की पुलिस द्वारा किया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अहंकार में चूर अपनी दमनकारी नीतियों के तहत इस प्रकार के कार्य कर विपक्ष की आवाज को दबाना चाहते है। जिससे उनका दलित विरोध चेहरा उजागर हो चुका है। देश के हर नागरिक को बाबा साहब के सम्मान में मार्ल्यापण करने का अधिकार है चाहे वह देश का प्रथम नागरिक हो या देश का आम नागरिक। मगर येगी अपनी क्षदम और कुनीति के तहत संविधान में दिये गये अधिकारों का उलंघन कर संविधान पर लगातार प्रहार कर रहे है।
यूपी की भाजपा सरकार बाबा साहब के प्रेम में आडम्बर और दिखावा कर पलक पावड़े विछाने को आतुर है और सिर्फ दलित समाज को वोट बैंक की खातिर लुभाने का कार्य कर रही है, परन्तु आज दलित समाज जागरूक हो गया है और जानता है सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही दलितों की हितैसी और दलितों के सम्मान में, तथा उनके अधिकारों को दिलाने के लिए सदन से सड़क तक लड़ाई लड़ रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में दलित समाज पर हो रहे उत्पीड़न, अत्याचार तथा महिलाओं पर लगातार हो रहे बलात्कार और हत्याओं पर मौन और शांत बैठें है।