नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यूरोपीय देशों में कोरोना वैक्सीनेशन की धीमी पड़ी रफ्तार पर गंभीर चिंता जाहिर की है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह आशंका भी जाहिर की है कि इस साल 1 दिसंबर तक यूरोप में कोरोना की वजह से 2 लाख 36 हजार लोगों की मौत भी हो सकती है.
बता दें कि इस वक्त यूरोपीय देशों में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने कहर मचाया हुआ है. यूरोप में वैक्सीनेशन की रफ्तार में भी कमी देखी गई है. हालांकि इससे पहले तक विश्व स्वास्थ्य संगठन गरीब देशों में वैक्सीनेशन को लेकर चिंतित रहा है. यही कारण है कि कुछ यूरोपीय देशों की तरफ से बूस्टर डोज की शुरुआत को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनिच्छा जाहिर की थी.
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की यूरोप शाखा के प्रमुख ने कहा है कि वह अमेरिकी सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ की इस बात से सहमत है कि कोविड-19 रोधी टीके की तीसरी खुराक अतिसंवेदनशील लोगों को संक्रमण से बचाने में सहायता कर सकती है. डॉ हंस क्लुगे ने संक्रमण के अधिक प्रसार को बेहद चिंताजनक बताते हुए कहा कि डब्ल्यूएचओ यूरोप क्षेत्र में शामिल 53 में से 33 देशों में पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय में मामलों में 10 प्रतिशत या इससे अधिक की वृद्धि हुई है.
ब्रिटेन में 12-15 आयुवर्ग में वैक्सीनेशन की तैयारी
इस बीच ब्रिटेन से खबर आई थी कि वहां 12-15 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों के टीकाकरण की तैयारी की जा रही. हालांकि देश की टीका परामर्शदाता समिति ने इस टीकाकरण अभियान को अभी मंजूरी नहीं दी है.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया कि मंजूरी मिलते ही वह टीकाकरण अभियान आरंभ करने के लिए तैयार है. विभाग ने कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में नया अकादमिक वर्ष आरंभ होने के साथ ही वह स्कूलों में टीके पहुंचाने के लिए भी तैयार है. सितंबर में यहां स्कूल खुलने वाले हैं और ब्रिटेन में पहले से ऊंची कोरोना वायरस संक्रमण दर के और भी बढ़ने की आशंका है.
दक्षिण अफ्रीका के नए वैरिएंट की पैदा की चिंता
वहीं कोविड-19 का एक नया वेरिएंट दुनियाभर के लिए चिंता का सबब बनकर उभरा है. C.1.2 नाम का ये वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में मिला है. इस वेरिएंट पर हुई एक स्टडी में दावा किया गया है कि ये दुनियाभर में फैल सकता है और मौजूदा सभी कोरोना वैक्सीन को चकमा दे सकने में सक्षम है.