नई दिल्ली, एजेंसी । भारत-चीन सीमा गतिरोध का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य जताया कि क्या कोई संवैधानिक अदालत देश की रक्षा के लिए सेना की आवश्यकता को दरकिनार कर कह सकती है कि पर्यावरण की सुरक्षा, रक्षा जरूरतों से ज्यादा अहम है। उधर सरकार ने अपनी बात मजबूती से रखते हुए कहा कि दुश्मन की तैयारियों को देखते हुए हमें भी हर तरह से तैयार रहने की जरूरत है। हमारी सेना को सीमा तक शीघ्रता से पहुंचने के लिए बेहतर सड़कों की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि वह इस तथ्य की अनदेखी नहीं कर सकता कि देश के शत्रु ने सीमा तक बुनियादी ढांचा विकसित कर लिया है। हमारी सेना को सीमा तक बेहतर सड़कों की जरूरत है जहां 1962 के युद्ध के बाद से कोई व्यापक परिवर्तन नहीं हुआ है। कोर्ट आठ सितंबर, 2020 के आदेश में संशोधन के अनुरोध वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को महत्वाकांक्षी चारधाम राजमार्ग परियोजना पर 2018 के परिपत्र का पालन करने के लिए कहा गया है।