हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव उठानी एकादशी के रूप में जाना जाता है। इस बार देव उठानी एकादशी 14 नवंबर को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देव उठानी एकादशी के साथ ही शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। देव उठानी एकादशी के दिन तुलसी माता और शालिग्राम जी का विवाह करवाया जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, यदि किसी कन्या के विवाह में अड़चन आ रही हो तो तुलसी विवाह के अवसर पर कुछ उपाय करने से विवाह शीघ्र होता है। यदि विवाह में अड़चन आ रही हो तो तुलसी विवाह के दिन तुलसी के पानी से स्नान करना चाहिए। इसके लिए गमले में गिरी हुई तुलसी की पत्तियों का इस्तमाल कर सकते हैं या तुलसी के पत्तों को तोड़कर पानी में मिला सकते हैं। इसके लिए आपको तुलसी के 7 पत्तों की जरूरत होगी।
तुलसी विवाह के दिन ‘तुलसी चालीसा’ का पाठ करना शुभ माना जाता है। यदि विवाह में बाधा आ रही हो तो तुलसी विवाह के दिन 7 विवाहित महिलाओं को भोजन कराएं और उन्हें शृंगार का सामान दान करें। इससे आपको माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और विवाह में आ रही बाधाएं दूर होंगी। इसके अलावा कन्या की माँ को तुलसी विवाह वाले दिन व्रत रखना चाहिए और शाम को व्रत का उद्यापन करना चाहिए।