प्रयागराज । ट्रेन में गार्ड का पदनाम बदलेगा। इन्हें अब गार्ड नही ट्रेन मैनेजर कहा जाएगा। 2004 से अपने पद नाम को बदलने की मांग कर रहे कर्मचारियों की मांग को रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिल चुकी है। इसी सप्ताह इसके लिए आदेश भी जारी हो जाएगा। नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री आरडी यादव ने बताया कि लंबे समय से गार्ड का पदनाम बदलकर ट्रेन मैनेजर किए जाने की मांग की जा रही थी। 18 नवंबर को यूनियन के पदाधिकारियों की बोर्ड के साथ हुई वार्ता में पद नाम बदलने की संस्तुति की गई है। इसी सप्ताह इसके लिए आदेश जारी हो जाएगा। अभी तक ट्रेन गार्ड की पहचान ट्रेन के पिछले डिब्बे में लालटेन और हरी झंडी दिखाने के तौर पर होती है।
जबकि यह एक तरह से पूरी ट्रेन का मैनेजमेंट करते हैं। ट्रेन के ड्राइवर शब्द को लोको पायलट के रूप में बदलने के बाद से ही गार्ड शब्द के नाम को लेकर कई बार कर्मचारियों ने आपत्ति जताई थी और इसे बदलने के लिए यूनियन के द्वारा मांग की जा रही थी। इस मांग को आखिरकार लंबे समय बाद मान लिया गया है। कर्मचारी यूनियन ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे ट्रेन गार्ड को अब उनके काम के अनुरूप सही नाम से सम्मान मिलेगा। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डा. शिवम शर्मा ने बताया कि अभी इस तरह का कोई आदेश नहीं है।