रायपुर । प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है, लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी उसे धरातल पर उतारने के बजाय मनमानी कर रहे हैं। अब अधिकारी कह रहे हैं कि जैविक खेती करने वाले प्रदेश के किसानों को जल्द ही राजीव गांधी न्याय योजना के तहत प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रोत्साहन राशि एक एकड़ के हिसाब से 10 हजार रुपये मिलेगी। उल्लेखनीय है कि कृषि विभाग के अधिकारियों की मनमानी के कारण प्रदेश के किसानों को सुगंधित धान के बीज के बदले बिना महक वाला बीज थमा दिया है। सुगंध न होने के कारण जैविक पद्धति से उपजे धान का मूल्य प्रदेश के समर्थन मूल्य से कम मिल रहा हैै, जबकि कृषि विभाग के अधिकारियों ने पहले दावा किया था कि इस धान की प्रति क्विंटल खरीदी 3,000 रुपये से अधिक में होगी, लेकिन ऐन वक्त पर ऐसा नहीं हुआ। इधर प्रदेश में जैविक खेती करने वाले किसानों का इस साल रकबा कट गया है। इससे किसानों में आक्रोश बढ़ गया है। आरंग ब्लाक के किसान ओमप्रकाश सेन, नारद निषाद और मोहर ध्रुव ने कहा कि सरकार यदि जल्द ही किसानों को बाजार मूल्य नहीं दिला पाती है तो कृषि विभाग के दफ्तर का घेराव किया जाएगा, क्योंकि हजारों नुकसानों को सुगंधित धान के बीज देने के नाम पर ठगी की गई है। आज लागत मूल्य भी नहीं निकल रहा है। किसान विभागीय अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे है ।