एमएसएमई को राहत देने के लिए विवाद से विश्वास योजना हुई शुरू

नयी दिल्ली। सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को कोविड अवधि के लिए राहत प्रदान करने के लिए विवाद से विश्वास प्रथम एमएसएमई को राहत योजना का शुभारम्भ किया है। इस योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में की थी। उन्होंने केंद्रीय बजट के अनुच्छेद 66 में कहा था एमएसएमई द्वारा कोविड अवधि के दौरान अनुबंधों को निष्पादित करने में विफलता के मामलों में, बोली या प्रदर्शन सुरक्षा से संबंधित जब्त की गई राशि का 95 प्रतिशत सरकार और सरकारी उपक्रमों द्वारा उन्हें वापस कर दिया जाएगा। इससे एमएसएमई को राहत मिलेगी।

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने फरवरी में एक आदेश जारी कर योजना के व्यापक ढांचे का संकेत दिया था। इस संबंध में अंतिम निर्देश कोविड से प्रभावित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को हुए नुकसान को कवर करने के लिए विस्तार और रिफंड की सीमा में छूट 11 अप्रैल 2023 को जारी की गई थी। यह योजना 17 अप्रैल 2023 से शुरू की गई थी और दावा प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 30 जून 2023 है। कोविड-19 महामारी का अर्थव्यवस्था पर गहन असर पड़ा है। विशेष रूप से एमएसएमई पर इस महामारी का विनाशकारी प्रभाव पड़ा है। इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली राहत एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने और उसे जारी रखने में सरकार के प्रयासों का प्रतिरूप है।

योजना के तहत, मंत्रालयों को प्रदर्शन सुरक्षा, बोली सुरक्षा और कोविड-19 महामारी के दौरान ज़ब्त/कटौती किए गए नुकसान की भरपाई करने के लिए कहा गया है। मंत्रालय ने इस योजना के माध्यम से कोविड-19 अवधि के दौरान प्रभावित एमएसएमई को अतिरिक्त लाभ देने का निर्णय लिया।

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