स्मार्टफोन के भारतीय बाजार में चीन की बादशाहत खत्म होने को है। जल्द ही भारतीय कंपनियां भारत में पूरी तरह से निर्मित स्मार्टफोन बाजार में लांच करने जा रही हैं। सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम की वजह से भारतीय कंपनियां चीनी कंपनियों को कीमत में टक्कर देने के लिए तैयार है। भारत के स्मार्टफोन बाजार में 70 फीसदी हिस्सेदारी चीन की चार कंपनियों की हैं। यही वजह है कि सरकार भारतीय कंपनियों को मोबाइल फोन बाजार का चैंपियन कंपनियां बनाना चाहती है। अभी स्मार्टफोन के बाजार में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी नगण्य है। वर्ष 2015 तक भारत के मोबाइल फोन बाजार में नंबर वन का खिताब रखने वाली कंपनी माइक्रोमैक्स एक बार फिर से भारतीय बाजार में कई फोन लांच करने जा रही है। कंपनी के को-फाउंडर राहुल शर्मा ने बताया कि इस साल त्योहारी सीजन में माइक्रोमैक्स का 7-20 हजार रुपए की रेंज वाले कई फोन बाजार में होंगे। माइक्रोमैक्स आगामी सितंबर में फोन लांच का क्रम शुरू करने जा रही है। कभी यूरोप और अफ्रीका के कई देशों में निर्यात करने वाली भारतीय कंपनी माइक्रोमैक्स सरकार की पीएलआइ स्कीम का लाभ लेने के लिए 500 करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है। कंपनी के पास फोन बनाने की दो मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट भिवाड़ी और तेलंगाना में पहले से हैं जहां फोन के साथ टेलीविजन और एसी भी बनाए जाएंगे। शर्मा कहते हैं, भारतीय फोन बाजार में चीनी कंपनियों के आने से भारतीय कंपनियां इसलिए बाहर हो गई क्योंकि भारतीय कंपनियां कीमत में चीनी कंपनियों का मुकाबला नहीं कर पा रही थी। अब सरकार ने पीएलआइ के तहत 6 फीसद की जो इंसेंटिव दी है उससे वे आसानी से चीनी कंपनियों का मुकाबला कर पाएंगे।
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