ग्रेटर नोएडा: दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौमतबुद्धनगर में बनने जा रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए बुधवार को कन्सेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हो गए। यह हस्ताक्षर ग्रेटर नोएडा कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। इस दौरान विकासकर्ता कंपनी के अलावा शासन के कई अधिकारी भी मौजूद रहे। मिली जानकारी के मुताबिक, स्विस कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी व यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के बीच कन्सेशन एग्रीमेंट हुआ है। स्विस कंपनी के साथ करार पर हस्ताक्षर होने के बाद देश के सबसे बड़े जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण की राह अब आसान हो गई है। एग्रीमेंट होने के बाद अब ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को जेवर एयरपोर्ट परियोजना का मास्टर प्लान 2 महीने में जमा करना होगा। इसके अलावा यूपी सरकार की ओर से भी स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट भी किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। कन्सेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के दौरान नियाल के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह व ज्यूरिख के अधिकारियों के अलावा प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री शशि प्रकाश गोयल भी मौजूद रहे। अब दिसंबर 2023 तक हवाई उड़ान सेवा शुरू करने का लक्ष्य है।
गौरतलब है कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर इलाके में किया जाएगा। प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट से नोएडा शहर की दूरी करीब 56 किलोमीटर है। ऐसे में यह एयरपोर्ट लोगों के लिए लाभकारी साबित होने वाला है। इस एयरपोर्ट को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाया जा रहा है। स्विस कंपनी ने देश की कई नामी कंपनियों को पछाड़ते हुए एयरपोर्ट का टेंडर हासिल किया है।
एक अनुमान के मुताबिक, 2022 तक इस एयरपोर्ट के पूरी तरह ऑपरेशनल होने की उम्मीद है। जेवर एयरपोर्ट की सालाना क्षमता करीब 50 लाख होगी, जबकि पूर्ण तरह से अगले 30 सालों में विस्तार के बाद इसकी क्षमता करीब 6 करोड़ सालाना होगी। जेवर एयरपोर्ट की दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दूरी करीब 72 किलोमीटर है। यमुना एक्सप्रेस-वे के जरिए जेवर एयरपोर्ट देश के दूसरे हिस्सों से जुड़ेगा। इसका भी खाका तैयार किया जा रहा है।