हिजबुल मुजाहिदीन के चार सहयोगियों को एनआइए कोर्ट ने सुनाई बारह वर्ष की कठोर कारावास

जम्मू : देश भर में आतंकी गतिविधियाें को अंजाम देने में हिजबुल मुजाहिदीन के चार मददगार सदस्यों को एनआइए कोर्ट दिल्ली ने बारह वर्ष की कठोर कारवास और कुल पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। हिजबुल के इन सदस्यों के खिलाफ 25 नवंबर, 2011 में दिल्ली में ही मामला दर्ज किया गया था। इन सभी पर आरोप था कि आतंकी गतिविधियाें को चलाने के लिए ये सभी फंड एकत्रित करते थे। एनआइए के अनुसार इस मामले में उन्होंने बारह लोगों को आरोपित बनाया था, जिनमें से चार सदस्यों मोहम्मद शफी शाह उर्फ डाक्टर उर्फ दाऊद उर्फ निसार को बारह वर्ष की कठोर कैद व पंद्रह हजार रुपये जुर्माने, तालिब लाली उर्फ वसीम उर्फ अबु उमेर को दस वर्ष की कठोर कैद व दस हजार रुपये जुर्माने, मुजफ्फर अहमद डार उर्फ गजनबी उर्फ मोहम्मद अली को बारह वर्ष की कैद व पंद्रह हजार रुपये जुर्माने, जबकि मुश्ताक अहमद लोन उर्फ मुश्ताक आलम को दस वर्ष की कैद व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। आरोपित के खिलाफ एनआइए की दिल्ली में विशेष अदालत में सुनवाई जारी थी, जहां मंगलवार को उन्हें सजा सुनाई गई। एनआइए के मुताबिक बारह आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्ज शीट दायर की थी।

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