नयी दिल्ली ! भारतीय रेल के जनरल डिब्बे भी अब वातानुकूलित (एसी) होंगे रेल मंत्रालय ने कहा है कि वातानुकूलित जेनरल कोच वाली लंबी दूरी की ये ट्रेनें 180 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेंगी ये कोच आधुनिक तकनीक से बने होंगे अभी जो सेकेंड क्लास के जेनरल डिब्बे हैं, उनमें करीब 100 यात्रियों के बैठने की क्षमता है. लेकिन, नये कोच में इससे ज्यादा यात्री बैठेंगे. वर्तमान में ट्रेनें 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती हैं, जबकि नये कोच के साथ 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी रेल मंत्रालय ने कहा है कि अभी जो कोच बन रहे हैं, उनके निर्माण पर करीब 100 करोड़ रुपये का खर्च आता है
हालांकि, नये कोच को बनाने पर आने वाले खर्च के बारे में मंत्रालय ने कुछ नहीं कहा है बताया जा रहा है कि अगले महीने इस परियोजना पर काम शुरू हो जायेगा दरअसल, अश्विनी वैष्णव ने रेल मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद ही कहा था कि उनका जोर रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर और यात्री सुविधाओं में सुधार पर होगा उन्होंने संकल्प लिया था कि वह रेल यात्रा को सुखद बनायेंगे.भारत में रेलवे के जितने भी कोच बनते हैं, वे पंजाब के कपूरथला रेलवे कोच फैक्ट्री में बन रहे हैं फर्स्ट एसी से लेकर जनरल क्लास तक के डिब्बे पंजाब के इसी फैक्ट्री में बनता है सुकून की रेल यात्रा कराने के उद्देश्य से जनरल डिब्बों को एसी में तब्दील किया जा रहा है, ताकि किसी भी मौसम में लोग आरामसे ट्रेन की यात्रा कर सकें. साथ ही इस बात का भी ख्याल रखा जायेगा कि यात्रियों की जेब पर कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े ज्ञात हो कि दीनदयालु कोच में अभी लोगों को कई तरह की खास सुविधाएं मिल रही हैं इसमें यात्रियों के लए लगेज रैक, पैडेड सीट, बायो टॉयलेट, अक्वा गार्ड स्टाइल वाला वाटर फिल्टरेशन सिस्टम, कोच हुक, अधिक मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट के अलावा टॉयलेट में इंडिकेटर और पानी के लेवल का इंडिकेटर मौजूद है नये कोच में इससे ज्यादा सुविधाएं होंगी