किसानों की आधी मांगें पूरी हुईं, नए एमएसपी कानून के लिए आंदोलन जारी रहेगा : हन्नान मोल्ला
कोलकाता। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता व माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य हन्नान मोल्ला ने केंद्र द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को ऐतिहासिक कदम बताते हुए शुक्रवार को कहा कि अभी किसानों का केवल आधा मकसद पूरा हुआ है और वे अब न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून के लिए दबाव बनाएंगे। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव मोल्ला ने कहा कि संसद में कानून निरस्त किए जाने तक वह सतर्क रहेंगे, क्योंकि भाजपा नीत सरकार विश्वसनीय नहीं है।मोल्ला ने यहां एक न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए कहा, यह वास्तव में हम सबके लिए एक ऐतिहासिक जीत है। हालांकि मैं थोड़ा सतर्क हूं और इस सरकार पर तब तक भरोसा नहीं करना चाहता, जब तक इन तीनों कानूनों को संसद में निरस्त नहीं कर दिया जाता। उन्होंने कहा, ऐसे उदाहरण है, जब इस सरकार ने कहा कि वह किसी अध्यादेश को वापस ले रही है, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। हम इस सरकार पर भरोसा नहीं करते क्योंकि इसका कुछ कहकर उसके बिल्कुल विपरीत कदम उठाने का पुराना रिकार्ड रहा है।उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार ने उन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है, जिनके खिलाफ किसान पिछले करीब एक साल से प्रदर्शन कर रहे थे। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पोलित ब्यूरो सदस्य मोल्ला ने कहा कि किसानों की केवल आधी मांगें पूरी हुई हैं। उन्होंने कहा, यह सोचना सही नहीं है कि हमारा आंदोलन समाप्त हो गया है, क्योंकि किसानों का आंदोलन दो मांगों को लेकर शुरू हुआ था- तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून लाना। इसलिए हमारी आधी मांगें पूरी हुई हैं। अब आंदोलन कैसा होगा, इसका फैसला विचार-विमर्श के बाद किया जाएगा।