नई दिल्ली। कई ऐसे लोग हैं जिन्हें रात में अच्छी नींद या कहें उनकी नींद पूरी नहीं होती। खासतौर पर कोरोना के इस दौर में हमारी फिज़ीकल एक्टिविटी पहले के मुकाबले काफी कम हुई है, जिसका असर हमारी नींद पर भी पड़ा है। अब लोगों देर रात तक नींद नहीं आती और फिर उन्हें सुबह जल्दी भी उठना पड़ता है। अगर आप लंबे समय से नींद न आने और रात में 7 से 8 घंटे की नींद न पूरी कर पाने की दिक्कत से जूझ रहे हैं, तो क्यों न आयुर्वेद के जाने और परखे नुस्खों को आज़माएं?आयुर्वेद के अनुसार, ‘अनिद्रा’ नींद न आने जैसी स्थितियों से संबंधित है, और यह इस समस्या के लिए नुस्खे उपलब्ध हैं। जिनसे उबासी, सुस्ती, थकान और नींद की गुणवत्ता में सुधार देखा गया है। अश्वगंधा के तेल के साथ शिरोधारा और शमां चिकत्स नींद की कमी के प्रबंधन में लाभकारी साबित हो सकती है।अच्छी नींद चाहिए तो चाय, कॉफी पीना कम कर दें। खासतौर पर रात में सोने से पहले चाय या कॉफी न पीएं।
इसकी जगह दूध पीना बेहतर होता है।अन्य तरह के नशों से भी दूर रहें। आयुर्वेद कहता है कि दूध में जायफल मिलाकर पिया जाए, तो अच्छी नींद आती है। साथ ही इससे पाचन भी अच्छा होता है। इसके अलावा रात में हल्दी वाला दूध भी पिया जा सकता है। इससे गले संबंधी रोग भी दूर हो जाएंगे। दूध में केसर मिलाने से भी अच्छी नहीं आती है। गहरी और अच्छी नींद के लिए आयुर्वेद में जड़ी बूटियों के सेवन का तरीका बताया गया है। अश्वगंधा, तगाव और शंखपुष्पी का सेवन शरीर को आराम दिलाता है और अच्छी नींद दिलाता है।साथ ही अपनी जीवनशैली में बदलाव करें। रोज़ाना आधा घंटा व्यायाम ज़रूर करें। कुछ दवाओं के साइड-इफेक्ट से भी नींद न आने की समस्या शुरू हो जाती है। इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा नींद नहीं आने की परेशानी को दूर करने के लिए मालिश भी कर सकते हैं। रात में सोते समय पैरों की हल्की मालिश करें। ठंड के दिनों में तो सरसों के तेल की मालिश हड्डियों और मांसपेशियों के लिए खासतौर पर फायदेमंद साबित होती है।