पाक्सो एक्ट पर पुलिस को गंभीरता से करनी चाहिए जांच

रायपुर । सर्वाेच्च न्यायालय और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के दिशा-निर्देशों के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर द्वारा पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में किशोर न्याय अधिनियम व पाक्सो एक्ट पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें प्रमुख वक्ता के रूप में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी द्वारा उक्त कानूनों पर अपना व्याख्यान दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में नवनियुक्त पुलिस अधिकारी व विवेचक उपस्थित रहे। न्यायाधीश द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 के नियम और विधि प्रविधानों की जानकारी प्रदान की गई। न्यायाधीश श्रीमती पचौरी द्वारा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 पाक्सो एक्ट के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(3) के तहत बच्चों के संबंध में विशेष उपबंध किए गए हैं जिसका परिणाम ही यह कानून है। कानून द्वारा लैंगिक हमला, लैंगिक उत्पीड़न और अश्लील साहित्य के अपराधों से बालकों का संरक्षण करने और ऐसे अपराधों का विचारण करने के लिए विशेष न्यायालयों की स्थापना तथा उनसे संबंधित या आनुषंगिक विषयों के लिए उपबंध करने के लिए अधिनियम बनाया गया।

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