शिमला। मानसून की पहली बारिश ही हिमाचल प्रदेश पर भारी पड़ गई है और प्रदेश को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकारण की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में बुधवार को मानसून आने के बाद से 13 लोगों की मौत हो चुकी है। ये मौतें ऊंचाई से गिरने, डूबने और सड़क हादसों के कारण हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दो मौतें लाहुल-स्पीति, दो मौतें सोलन, तीन मंडी तथा एक-एक मौत चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, ऊना और शिमला में हुई है। वहीं प्रदेश में मानसून के कारण 52 सड़कें बंद हो गई है। इनमें से एक सड़क लाहुल-स्पीति जिला में एक सड़क और मंडी जिला में तीन सड़कें बंद हैं। 23 सड़कें बिलासपुर और 25 सड़कें चंबा जिला में बंद हैं।दो दिनों के अंदर प्रदेश में वाटर सप्लाई की 48 स्कीमें बंद हो गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बीते दो दिनों में हिमाचल प्रदेश में 78 लाख रुपए के नुकसान का आकलन किया गया है। हिमाचल प्रदेश में चार दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। पहली जुलाई के लिए भारी बारिश का ओरेंज अलर्ट जारी हुआ है। अलर्ट को देखते हुए प्रशासन ने सैलानियों व आम लोगों को नदी-नालों में न उतरने की चेतावनी दी है। भारी बारिश से भू-स्खलन का भी खतरा है। गुरुवार को अलर्ट के बीच भारी बारिश से जगह-जगह भू-स्खलन व मलबा आने से व्यापक नुकसान हुआ है। बीती रात सिहुंता में 111 मिलीमीटर, नाहन 64, नालागढ़ 62, तीसा 45, गगल-सलूणी 44, धर्मशाला 42, पांवटा साहिब 41, शिमला-सुंदरनगर में 34-34 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।मौसम विभाग के अनुसार भारी बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में भू-स्खलन की संभावना है। ऐसे में पर्यटक व स्थानीय लोग संबंधित विभागों की ओर से जारी एडवाइजरी और दिशा-निर्देशों का पालन करें। प्रशासन को पर्याप्त सुरक्षा उपाय करने की सलाह दी गई है। किसी भी तरह की आपदा की स्थिति में मदद के लिए जिला आपदा नियंत्रण कक्ष के नंबरों के अलावा टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क किया जा सकता है।