लखनऊ । शहरों की बढ़ती आबादी के साथ ही मानकों को दरकिनार कर तेजी से होते अनियोजित निर्माण व विकास से आए दिन होने वाले हादसों को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गंभीरता से लिया है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के मंत्री पद का भी दायित्व संभाल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास प्राधिकरणों, आवास विकास परिषद के साथ ही नगरीय निकायों में भी तय मानकों के मुताबिक नगर नियोजकों को नियुक्ति किए जाने के निर्देश दिए हैं।सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शहरों का सुनियोजित विकास सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही नए सिरे से पदों को सृजित करने के साथ ही 1600 नगर नियोजकों की भर्ती की जाएगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियमित भर्ती होने तक आउटसोर्सिंग के जरिए रिक्त पदों पर नगर नियोजकों को रखा जाएगा।दरअसल, बेहतर नागरिक सुविधाओं और रोजगार के ज्यादा अवसर के लिए ग्रामीणों का तेजी से शहरों की ओर पलायन हो रहा है। शहरी आबादी कितनी तेजी से बढ़ रही है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य के नगरीय क्षेत्र में 4.45 करोड़ लोग रहते थे।जानकारों के मुताबिक वर्तमान में शहरी आबादी 5.50 करोड़ से अधिक है। आबादी के बढ़ते दबाव के साथ ही शहरों का सुनियोजित विकास सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरणों, आवास विकास परिषद और नगरीय निकायों की है लेकिन इनमें पर्याप्त संख्या में नगर नियोजक ही नहीं है।राज्य स्तर पर बेहतर प्लानिंग और शहरों के मास्टर प्लान आदि बनाने के लिए मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक का कार्यालय तो है लेकिन उसमें भी पहले से सृजित नगर नियोजकों तक के 20 पद तो सीधी भर्ती वाले ही रिक्त हैं। विकास प्राधिकरणों और परिषद का ही कुछ ऐसा ही हाल है। विभिन्न प्राधिकरणों के 67 पदों में से 24 और परिषद के 23 में आठ पद रिक्त हैं। विभागीय पदोन्नति से भरे जाने वाले पद भी पूरी तरह से भरे हुए नहीं है। गौर करने की बात यह है कि नीति आयोग की संस्तुति के अनुसार 30 हजार की शहरी आबादी पर एक नगर नियोजक होना चाहिए। ऐसे में मौजूदा शहरी आबादी को देखते हुए राज्य में लगभग 1850 नगर नियोजकों की आवश्यकता है। विभिन्न विभागों में पहले से कार्यरत नगर नियोजकों की संख्या को देखते हुए 1600 और नगर नियोजकों की जरूरत है।सूत्रों के मुताबिक आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छोटे शहरों के लिए नगरीय निकायों तक में नगर नियोजकों को रखने के निर्देश दिए। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल नगरीय निकायों के लिए 366 नगर नियोजकों के और पदों को सृजित किया जाएगा। इसके साथ ही सेवा संबंधी नियमावली भी बनाई जाएगी। चूंकि पदों के सृजन से लेकर अधियाचन भेज आयोग के माध्यम से नियमित भर्तियों में कुछ समय लग सकता है इसलिए वर्तमान में रिक्त पदों पर नियमित नगर नियोजकों की नियुक्ति होने तक नगर नियोजन से संबंधित कार्यों के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से नगर नियोजकों की सेवाएं ली जाएंगी। पदोन्नति से भरे जाने वाले रिक्त पदों को भी जल्द भरने के लिए प्रोन्नति की कार्यवाही की जाएगी।