आगरा । आगरा की तम्बाकूबाज पत्नियां अपने पतियों के लिए परेशानी का सबब बन गईं। कई साल तक पतियों ने उनकी इस बुरी आदत को छुड़ाने का प्रयास किया। मगर, बच्चे होने के बाद भी जब पत्नियाें ने अपनी आदत नहीं छोड़ी तो पति नाराज हो गए। उनकी शिकायत के लिए सास को बुलाया। मगर, इसके बाद उन्हें जो अनुभव हुआ वह हैरान करने वाला था। पत्नियों को सुधारने के लिए पतियों ने उन्हें मायके से लाने के लिए शर्त रख दी।मामला आगरा के एत्माद्दौला थाना क्षेत्र का है। दो सगे भाइयों की शादी एक ही घर में हुई थीं। कुछ महीने बाद पतियों को पता चला कि उनकी पत्नियां गुटका खाती हैं। पतियों ने उनकी इस आदत को छुड़ाने का कई साल तक प्रयास किया। काफी प्रयास के बाद पत्नियाें ने उनकी बात मान ली। पतियों के सामने गुटका खाना बंद कर दिया।पतियों को भी लगा कि बच्चों के होने के बाद पत्नियाें को अपनी इस गलत आदत का अहसास हो गया होगा।
मगर, उनकी यह खुशफहमी कुछ ही दिन के लिए रही। करीब एक साल पहले पतियों को पता चला कि उनकी पत्नियों ने यह आदत नहीं छाेड़ी है। बस अपना तरीका बदल दिया हैद। वह गुटका की जगह तंबाकू वाला दंतमंजन का इस्तेमाल करने लगी हैं। जिस पर पतियों ने शिकायत के लिए अपनी सास को बुलाया। ताकि पत्नियों की गलत आदत को छुड़़ाया जा सके। सास को देखकर उनकी यह उम्मीद भी ठूट गई। क्योंकि सास भी गुटका खाती थीं।पत्नियाें द्वारा गुटका नहीं छोड़ने से नाराज पति उन्हें चार महीने पहले मायके छोड़ गए। पत्नियों ने पतियों के खिलाफ आशा ज्योति केंद्र में शिकायत की। उन पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। काउंसलर ने पतियों को बुलाया तो वहां पत्नियों के गुटका खाने की आदत का पता चला। पतियों का कहना था कि वह पत्नियों को तभी अपने साथ ले जाएंगे जब वह गुटका खाना छोड़ देंगी।काउंसलर द्वारा पत्नियों की काउंसलिंग की जा रही है। जिससे कि उनकी इस आदत को छुड़ाया जा सके।