देहरादून: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की जनसभा में उनके पहुंचने से पहले ही पार्टी के शीर्ष नेताओं को गुटबाजी की चिंता सताती रही. स्थिति ये रही कि पार्टी के सहप्रभारी को खुद मंच से किसी भी पार्टी नेता की व्यक्तिगत नारेबाजी नहीं करने की बात कहनी पड़ी. यही नहीं हरीश रावत के करीबी राजीव जैन से मंच की कमान सह प्रभारी राजेश धर्माणी ने खुद अपने हाथ में ले ली. देहरादून के परेड ग्राउंड में राहुल गांधी की जनसभा के लिए कांग्रेस काफी लंबे समय से तैयारियों में जुटी हुई थी. कोशिश की जा रही थी कि पार्टी राहुल गांधी के इस मंच से एकजुटता का संदेश राज्य में दे सकेगी, लेकिन राहुल गांधी के परेड ग्राउंड पहुंचने से पहले ही मंच पर ऐसा कुछ हुआ जिसने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा.
दरअसल, मंच पर हरीश रावत के करीबी राजीव जैन जनसभा का संचालन करते हुए दिखाई दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने मंच से हरीश रावत की बड़े ही जोश के साथ नारेबाजी की. हालांकि इसके बाद उन्होंने बाकी नेताओं के नाम भी लिए, लेकिन इसके बाद फौरन पार्टी के सह प्रभारी ने मंच संभाला और किसी को भी किसी नेता के व्यक्तिगत नारेबाजी करने से बचने की बात कही. बड़ी बात ये है कि इसके बाद हरीश रावत के करीबी राजीव जैन मंच के संचालन से दूर हो गए और सह प्रभारी राजेश धर्माणी ने मंच संभाल लिया. वैसे आपको बता दें कि कांग्रेस ने मंच पर पार्टी की एकजुटता दिखाने के लिए करीब 60 कुर्सियां लगाई थी, ताकि पार्टी के सभी नेताओं को मंच पर जगह मिल सके और एकजुटता का संदेश दिया जा सके. उधर हरीश रावत और प्रीतम सिंह मंच पर एक साथ दिखाई दिए.