देहरादून। एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आखिरकार राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत गई हैं. मतों की पेटी खुलने की शुरुआत से ही द्रौपदी मुर्मू आगे चल रही थीं. उत्तराखंड की अगर बात की जाए तो यहां पुष्कर सिंह धामी कांग्रेस में सेंधमारी करने में कामयाब रहे हैं. दरअसल, रिजल्ट सामने आने के बाद ये पाया गया कि कांग्रेस के एक विधायक ने बीजेपी की उम्मीदवार मुर्मू को अपना वोट दिया है.
वहीं, अब कांग्रेस इस मंथन में जुटी हुई है कि आखिरकार उनका वो कौन विधायक है जो पाला बदलकर बीजेपी उम्मीदवार के लिए वोट कर रहा था. उत्तराखंड से विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को मात्र 15 विधायकों ने ही वोट किया जबकि कांग्रेस के 19 विधायक हैं. कांग्रेस के 19 विधायकों में से राजेंद्र भंडारी और तिलक राज बेहड़ वोटिंग से दूर रहे थे. इस हिसाब से यशवंत सिंह को 17 वोट मिलने चाहिए थे, लेकिन उनके खाते में मात्र 15 वोट ही गए हैं. एक विधायक का वोट गलत तरीके से मतदान करने पर अमान्य हो गया. जिसके बाद 16 वोट कांग्रेस के विधायकों ने डाले थे. अब इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस में काफी गहमागहमी बनी हुई है.उत्तराखंड कांग्रेस से हुई क्रॉस वोटिंग.पढ़ें-खटीमा: द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर थारू समाज में खुशी की लहरवहीं, बीजेपी के विधायकों की बात करें तो 47 विधायकों में से 46 विधायकों ने अपने मत का प्रयोग किया था. कैबिनेट मंत्री और विधायक चंदन राम दास बीमार होने की वजह से मतदान में प्रतिभाग नहीं कर पाए थे. कुल मिलाकर उत्तराखंड में भाजपा की ओर से 46, दो निर्दलीय और दो बसपा विधायकों और 16 कांग्रेस विधायकों ने वोट डाला था यानि कुल वोटिंग 67 विधायकों ने की थी. इसमें से द्रौपदी मुर्मू को 51 वोट मिले जबकि यशवंत सिन्हा को 15 वोट मिले हैं.
सीएम धामी का बयान.वहीं, क्रॉस वोटिंग के सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्होंने पहले ही कहा था कि विपक्ष भी अंतरात्मा की आवाज पर द्रौपदी मुर्मू को वोट दे. ऐसे में जिस भी नेता ने अंतरात्मा की आवाज सुनी है उसका धन्यवाद