शिमला : दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत 6681 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। वर्तमान में प्रदेश भर में विभिन्न केंद्रों के माध्यम से 1800 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसी के साथ प्रदेश के 3500 प्रशिक्षुओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए गए हैं। ग्रामीण युवाओं को संगठित और असंगठित क्षेत्र में रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश में सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है । यह योजना केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक महत्वाकांक्षी योजना है। योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान कर उन्हें न्यूनतम मजदूरी या नियमित मासिक वेतन पर रोजगार उपलब्ध करवाना है। इस योजना के अंतर्गत 70 प्रतिशत प्रशिक्षित युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में निश्चित रोजगार उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाता है।सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रशिक्षुओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण के साथ छात्रावास की सुविधा भी प्रदान की जाती है। प्रत्येक कोर्स की अवधि तीन से 12 महीने की होती है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात एक वर्ष के लिए प्रशिक्षुओं की पोस्ट प्लेसमेंट ट्रैकिंग की जाती है। इस योजना के तहत परिधान, आतिथ्य, ग्रीन जॉब्स, ब्यूटिशियन, सिलाई मशीन ऑपरेटर, बेकिंग, स्टोरेज ऑपरेटर, स्पा, अनआम्र्ड सिक्योरिटी गार्ड, इलेक्ट्रीशियन, सेल्स एसोसिएट, अकॉउंटिंग, बैंकिंग सेल्स रिप्रेजेंटेटिव, कम्प्यूटर हार्डवेयर असिस्टेंट, टैली एक्सीक्यूटिव-लाइव साइंसेज आदि ट्रेड्स के अंतर्गत चलाए जा रहे हैं। वर्तमान में डिजिटल स्किल, सोशल टेलीविजन और मोबाइल रिपेयर जैसे क्षेत्रों में रोजगार, स्वरोगार और रोजगार सृजन के अपार अवसर हैं।