नई दिल्ली। पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के विरोध में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद 12 राज्यों में हिंसा हुई थी। देश के प्रमुख इस्लामी संगठन जमायत उलेमा-ए-हिंद ने इस हिंसा के लिए एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी और जमायत उलमा-ए-हिंद के दूसरे धड़े के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी को जिम्मेदार ठहराया है। जमायत के अध्यक्ष सुहैब कासमी ने असदुद्दीन ओवैसी और मौलाना मदनी के खिलाफ फतवा जारी करते हुए कहा कि इन जैसे लोगों ने युवाओं को दंगे के लिए भड़काया था। कासमी ने आगे कहा कि ओवैसी और मौलाना मदनी की बयानबाजी से युवाओं को भड़काना एक ही अंदाज में प्रदर्शन का एजेंडा लगता है। देशभर में हुई हिंसा में शामिल आरोपियों पर एक्शन जारी है, लेकिन प्रयागराज से लेकर रांची तक हुई हिंसा का एक मॉड्यूल सामने आया है।इस हिंसा में देश को तोड़ने की साजिश करने वालों का हाथ लगता है। एमआईएमआईएम सांसद ओवैसी मुस्लिमों के नाम पर मलाई खा रहे हैं। देश की मौजूदा सरकार में ओवैसी की कमाई नहीं हो रही है। गौर हो कि अरशद मदनी इंडियन मुस्लिम स्कॉलर और दारुल उलूम देवबंद के प्रधानाचार्य हैं। वह जमायत उलमा-ए-हिंद के 8वें अध्यक्ष बने थे, लेकिन साल 2008 के आसपास संगठन विभाजित हो गया। फिलहाल वह अरशद गुट के अध्यक्ष के रूप में काम काम कर रहे हैं।