शिमला। हिमाचल प्रदेश में घरों की छतों पर अब 10 मेगावाट बिजली पैदा होगी। इसके लिए लोगों की मदद से सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। ये शब्द ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पन बिजली और कोयला संयंत्रों पर निर्भरता कम कर रही है और अक्षय ऊर्जा के प्रति उद्यमियों का रुझान बढ़ रहा है। सरकार उन्हें प्रोत्साहन पैकेज भी दे रही है। वे शुक्रवार को शिमला में दो दिवसीय सौर ऊर्जा शिविर का उद्घाटन मौके पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस लक्ष्य को तय समय में हासिल करेगी। इसके लिए प्रदेश भर में व्यापक स्तर पर अभियान छेड़ा गया है। लोगों को सौर ऊर्जा के प्रति जागरूक किया जा रहा है और विभागीय टीम सौर ऊर्जा संयंत्र के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है। केंद्र सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने प्रदेश में ग्रिड से जुड़े सोलर रूफ टॉप पावर प्लांट के लिए जो लक्ष्य तय किया है, उसे जल्द ही हासिल कर लेंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है और विभिन्न सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए राज्य सरकार अनुदान प्रदान कर रही है।उन्होंने बताया कि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एक से तीन किलोवाट तक रूफटॉप पावर प्लांट लगाने के लिए कुल मूल्य 50 हजार रुपए प्रति किलोवाट है, जबकि तीन से दस किलोवाट तक कुल मूल्य 48 हजार 600 रुपए प्रति किलोवाट है। केंद्र द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं को एक से तीन किलोवाट तक 40 प्रतिशत सबसिडी प्रदान की जा रही है। तीन से 10 किलोवाट तक 20 प्रतिशत अनुदान घरेलू उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा इस वित्त वर्ष में ग्रिड से जुड़े सोलर रूफ टॉप पावर प्लांट लगाने के लिए घरेलू उपभोक्ताओं को सबसिडी चार हजार से बढ़ाकर छह हजार रुपए प्रति किलोवाट कर दी है। सौर जलतापीय संयंत्र 100 लीटर व 200 लीटर क्षमता पर सरकार 30 प्रतिशत सबसिडी उपभोक्ताओं को प्रदान कर रही है। हिम ऊर्जा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल कुमार ने विभिन्न सोलर उपकरणों के बारे में ऊर्जा मंत्री को अवगत करवाया तथा विभाग की विभिन्न अनुदान घटकों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर जन सूचना अधिकारी हिम ऊर्जा पन्ना लाल शर्मा, परियोजना अधिकारी अशोक कुमार व अधिकारी उपस्थित थे।