बागेश्वर। जिले में मौसम एक बार फिर दगा देने लगा है। चार दिन से बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढऩे लगी है। कई जगह धान की रोपाई प्रभावित होने लगी है, जबकि कई स्थानों पर धान की नर्सरी सूखने लगी है। इतना ही नहीं उमस भरी गर्मी में भी इजाफा होने लगा है। गर्मी से लोग बेहाल हैं। जून 15 के बाद पहाड़ों में प्री-मानसून की बारिश होने लगती है। इस बार भी गत दिनों बारिश हुई। बारिश के बाद कत्यूर घाटी, कपकोट तथा जिला मुख्यालय से लगे बिलौना, मंडलसेरा में लोगों ने धान की नर्सरी रखने के बाद रोपाई भी शुरू कर दी। मौसम का मिजाज देखते हुए उन्हें लग रहा था कि अब अच्छी बारिश होगी, लेकिन चार दिन से मौसम का रुख बदल गया है। बारिश नहीं होने से किसानों के चेहरे पर चिंता साफ झलक रही है। गरुड़ में किसानों ने टुल्लू पंप चलाकर किसी तरह रोपाई तो कर दी, लेकिन अब पानी की कमी से धान के पौध सूखने लगे हैं। बागेश्वर के बिलौना में धान की नर्सरी भी सूखने लगी है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द बारिश नहीं हुई तो उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। टुल्लू पंप से रोपाई तो जैसे तैसे हो गई, लेकिन खेतों की सिंचाई तो बारिश के पानी से ही होगी। प्रगतीशील किसान प्रताप सिंह गडिय़ा, मोहन सिंह, चंद्र सिंह चौहान, मंगल सिंह राणा, सुरेश पांडे, आनंद खोलिया आदि ने सिंचाई विभाग से भी बंद नहरों को खोलने की मांग की है।