लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण और नगर निगम के बीच होने वाली बैठक नव नियुक्त नगर आयुक्त के पदभार संभालने के कारण नहीं हो सकी थी। अब फिर से इसकी कवायद तेज हो गई है। नगर निगम ने जानकीपुरम विस्तार के सेक्टराें को हस्तांतरित करने से पहले 80 करोड़ रुपये की डिमांड एलडीए से की थी, लेकिन एलडीए ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इसके बाद प्राधिकरण के अफसरों ने नगर निगम अफसरों के साथ संयुक्त निरीक्षण किया तो डिमांड घटकर 21 करोड़ के आसपास आ गई, लेकिन लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुताबिक, यह राशि सिर्फ 18 करोड़ है, जिसे बैठक में रखा जाएगा। उधर गोमती नगर के विराज खंंड व विकल्प खंड को भी नगर निगम को दिया जाएगा।एलडीए के अफसरों का तर्क है कि प्राधिकरण की जिम्मेदारी जब तक थी, तब तक कालोनियों का रख रखाव बेहतर तरीके से किया गया। कालोनियों के रखरखाव और देखरेख करने का काम अब नगर निगम का है। गोमती नगर के विराज व विकल्प खंड हस्तांतरित करने के एवज में साढ़े चार करोड़ रुपये नगर निगम मांग रहा है। अधिशासी अभियंता अवनींद्र कुमार सिंह ने बताया कि यह प्रकिया शुरू कर दी है।वहीं जानकीपुरम विस्तार देख रहे अधिशासी अभियंता केके बंसला के मुताबिक, जल्द ही इस पर वार्ता होनी है। इसके बाद तय हो जाएगा कि एलडीए अपने खाते से नगर निगम को कितना पैसा दे रहा है। फिलहाल नगर निगम ही दोनों कालोनियों की देखरेख करेगा। वहीं जल्द ही गोमती नगर विस्तार के कई सेक्टरों का काम भी नगर निगम को दे दिया जाएगा। वर्तमान में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने गोमती नगर विस्तार की साफ सफाई का काम नगर निगम को सौंप दिया है। हालांकि प्राधिकरण भी अपने सफाई कर्मियों के साथ नगर निगम की मदद जुलाई तक करता रहेगा।