प्रयागराज । प्रयागराज के ग्रामीण इलाकों में तो बेसहारा मवेशियों के टैगिंग की व्यवस्था है लेकिन अभी तक शहर में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। हालांकि अब नगर निगम का पशुपालन विभाग शहर की सड़कां पर घूमने वाले छुट्टा पशुओं की टैगिंग कराएगा। इस संबंध में नगर निगम के पशुपालन विभाग से जरूरी औपचारिकताएं लगभग पूरी हो चुकी हैं। एक माह के भीतर कांजी हाउसों में टैगिंग शुरू हो जाएगी। दरअसल प्रयागराज शहर में न अवैध डेयरियों पर लगाम लग पा रहा है और न ही पशुपालकों की मनमानी ही रुक रही है। दो वर्ष पहले के सर्वेक्षण में शहर में 693 अवैध डेयरियां चिह्नित हुई थीं। जबकि शासन ने शहरी क्षेत्र में डेयरी संचालन को पूरी तरह से बंद करने का निर्देश दिया है। अवैध डेयरी संचालकों के आगे निगम प्रशासन लाचार नजर आ रहा है। टैगिंग से पशुओं के मालिक का पता चल सकेगा : पशुओं के पहचान पशुपालक सुबह-शाम पशुओं को खुला छोड़ देते हैं, जो सड़कों पर विचरते रहते हैं। पशुओं के पकड़े जाने पर वे जुर्माना देकर छुड़ा लेते हैं। पशुओं को छुड़ाते वक्त वे अलग-अलग नामों से शपथपत्र बनवाते हैं ताकि उनकी पहचान न हो सके। चूंकि पशुओं की पहचान का अभी कोई तरीका नहीं है, इसलिए निगम प्रशासन बार-बार मनमानी करने वाले पशुपालकों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं कर पा रहा है। तीन माह के दौरान ऐसे 100 से अधिक प्रकरण सामने आ चुके हैं। नगर निगम के पशुधन अधिकारी डा. विजय अमृतराज का कहना है कि कांजी हाउस में टैगिंग शुरू होने के बाद पशुपालकों को चिह्नित करना आसान हो जाएगा। इस काम में पशुपालन विभाग का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. आरपी राय को पत्र भेजा जा चुका है। नगर निगम की ओर से अब मवेशियों को पकड़ने पर जुर्माना की राशि बढ़ाई जाएगी। बड़े मवेशियों को पकड़ने पर 10 हजार और छोटे मवेशियों को पकड़ने पर पांच हजार का जुर्माना लगेगा। वर्तमान में दो और एक हजार रुपये जुर्माना लिया जाता है। उच्च अधिकारियों से स्वीकृत मिलने के बाद बढ़ा हुआ जुर्माना पशुपालकों से वसूला जाएगा।